अधिक अंतरिम लाभांश घोषित करने में बिजली कंपनियों के बकाए के चलते चुनौती
कोल इंडिया का निदेशक मंडल 11 नवंबर को निर्णय करेगा कि कंपनी कितना अंतरिम लाभांश दे सकती है। कोल इंडिया लिमिटेड के संचयी शुद्ध लाभ में चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के दौरान 55 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जो 2079.60 करोड़ रुपये थी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों के पास फंसे बकाए के चलते कोल इंडिया प्रबंधन के लिए अंतरिम लाभांश की घोषणा एक चुनौती बन गई है। कंपनी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया के शीर्ष अधिकारी इस संबंध में सोमवार को विचार करेंगे।
कोल इंडिया का निदेशक मंडल 11 नवंबर को निर्णय करेगा कि कंपनी कितना अंतरिम लाभांश दे सकती है। सू्त्रों ने बताया, ‘‘बिजली कंपनियों पर करीब 23,000 करोड़ रुपये बकाया हैं और इसके चलते इससे नकदी प्रवाह की समस्या पैदा हो रही है, जो कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी की मदद के लिए अधिक अंतरिम लाभांश घोषित करने की दिशा में हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है।’’ कोल इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष में 12 रुपये प्रति शेयर की दर से 7,395 करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश की घोषणा की थी।
सूत्रों ने बताया कि इस साल अंतरिम लाभांश के पिछले साल से कम रहने का अनुमान है। पिछले साल अनुमानित वार्षिक लाभ के आधार पर अंतरिम लाभांश की घोषणा की गई थी, जबकि इस साल यह छमाही लाभ के आधार पर होगा। कोल इंडिया लिमिटेड के संचयी शुद्ध लाभ में चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के दौरान 55 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जो 2,079.60 करोड़ रुपये थी। सरकार की कोल इंडिया में 66.13 प्रतिशत हिस्सेदारी है।