नारद कांड में सीबीआइ ने फिर एप्पल कंपनी से मांगी जानकारी
2016 में विधानसभा चुनाव के दौरान नारद स्टिंग कांड का वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। हाईकोर्ट के निर्देश पर नारद कांड की जांच सीबीआइ कर रही है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। 2016 में विधानसभा चुनाव के दौरान नारद स्टिंग कांड का वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। हाईकोर्ट के निर्देश पर नारद कांड की जांच सीबीआइ कर रही है। इस मामले में एक बार फिर सीबीआइ ने अमेरिका की एप्पल कंपनी को पत्र लिखकर स्टिंग से जुड़ी कई जानकारी मांगी है। सीबीआइ ने एप्पल कंपनी से स्टिंग का असल फुटेज मांगा है। क्योंकि, स्टिंग ऑपरेशन जिस मोबाइल से किया गया, वह एप्पल का था। उसके और सारे तथ्य क्या-क्या हैं आदि।
केंद्रीय विदेश मंत्रालय की मदद से चिट्ठी एप्पल के प्रबंधकों को भेजकर जांच में सहयोग करने की अपील की गई है। उसमें नारद स्टिंग ऑपरेशन करने वाले न्यूज पोर्टल के पूर्व सीईओ मैथ्यू सैमुअल के मोबाइल फोन से संबंधित जानकारी साझा करने को कहा गया है। नारद स्टिंग ऑपरेशन की जांच करने वाले अधिकारी रंजीत कुमार को सीबीआइ के नवनियुक्त निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने दिल्ली तलब किया था।
उन्होंने जानना चाहा था कि आखिर मामले की जांच में इतनी देर क्यों हो रही है? तब उन्होंने बताया था कि मैथ्यू सैमुअल ने जो वीडियो फुटेज दिया है, उसकी फॉरेंसिक जांच तो हो गई है लेकिन वह एप्पल के मोबाइल फोन से किया गया है या नहीं, इसकी पुष्टि अभी बाकी है। इसके बाद सीबीआइ निदेशक के निर्देश पर रंजीत कुमार ने एक और चिट्ठी तैयार की है, जिसे केंद्रीय विदेश मंत्रालय की मदद से एप्पल के सीईओ तक पहुंचाया गया है। पिछले साल छह मार्च को भी सीबीआइ ने चिट्ठी एप्पल के सीईओ को लिखी थी और इस मामले में तथ्य मांगा था, लेकिन तब एप्पल की ओर से किसी भी तरह के सहयोग से इनकार कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारद न्यूज़ पोर्टल की ओर से 428 मिनट का एक स्टिंग ऑपरेशन जारी किया गया था। इसमें पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल के 11 नेता, मंत्री और एक आइपीएस अधिकारी कैमरे पर घूस लेते हुए नजर आ रहे थे। ये सारे अधिकारी एक फर्जी कंपनी के सीईओ बने नारद न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल से लाखों रुपये घूस लेकर फर्जी कंपनी को कारोबार करने में मदद करने का आश्वासन दे रहे थे। हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ घटना की जांच कर रही है, लेकिन इसमें कुछ खास प्रगति नहीं हुई है।