Bengal Violence: चुनाव बाद हिंसा में सीबीआइ ने दर्ज की सात और केस, दो जिलों में की छानबीन
पिछले चार दिनों में सीबीआइ ने दर्ज किए 28 मुकदमे दो को किया गिरफ्तार। कूचबिहार और दक्षिण 24 परगना जिले में पीड़ितों से मिले सीबीआइ अधिकारी। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की सीबीआइ ने जांच शुरू की है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीबीआइ की टीम ने बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में रविवार को सात और प्राथमिकी दर्ज की है। पिछले चार दिनों में सीबीआइ ने अब तक कुल 28 मुकदमे दर्ज किए हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की सीबीआइ ने जांच शुरू की है।
हिंसा प्रभावित क्षेत्रों और पीड़ितों से मिलने के बाद सीबीआइ एक के बाद एक प्राथमिकी दर्ज कर रही है। सीबीआइ टीम रविवार को कूचबिहार और दक्षिण 24 परगना जिले का भी दौरा किया जहां चुनाव परिणाम आने के बाद हत्याएं हुई थी।
सीबीआइ के अधिकारी दक्षिण 24 परगना के सोनारपुर के खेयादा में भाजपा कार्यकर्ता निर्मल मंडल की तीन मई को हुई हत्या के मामले में उनके स्वजन व स्थानीय लोगों से बात कर जानकारी जुटाई।
वहीं दूसरी तरफ सीबीआइ की टीम कूचबिहार जिले के तूफानगंज के चीलाखाना में पांच मई को तृणमूल कार्यकर्ता शहदुल रहमान के शव की बरामदगी के सिलसिले में उनके स्वजनों से बातकर जानकारी ली।
सीबीआइ ने शनिवार तक 21 मामले दर्ज कर नदिया जिले से दो हत्या आरोपितों को गिरफ्तार भी किया है। शनिवार तक हत्या के 15 और दुष्कर्म के छह मामले को लेकर अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है।
खबर है कि सीबीआइ ने हिंसा मामले की जांच में शामिल अपने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की फिलहाल छुट्टी नहीं लेने का निर्देश दिया है। यही वजह है कि शनिवार और रविवार को भी जांचकर्ता जांच में जुटे रहे। सीबीआइ हर जिले में पीड़ितों से बात कर रही है।
शनिवार को नदिया से दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। वहां सीबीआइ को स्थानीय तृणमूल समर्थको व कार्यकर्ताओं के विरोध का भी सामाना करना पड़ा था। आरोप है कि सीबीआइ अधिकारियों की गाड़ी के चक्के से हवा निकाल दी गई थी।
यहां बताते चलें कि सीबीआइ अधिकारियों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने चार कंपनी केंद्रीय बल तैनात कर रखा है। इसके बावजूद जिस तरह से नदिया में सीबीआइ अधिकारियों को घेरकर विरोध जताया गया है इसके बाद से सतर्कता और बढ़ा दी गई है।