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CBI को बीरभूम में सहकारी बैंक में फिर मिले 153 फर्जी खाते, केंद्रीय जांच एजेंसी ने खातों के दस्तावेज भी जुटाए

बंगाल के बीरभूम जिले के सिउड़ी सहकारी बैंक में सीबीआइ को और 153 बेनामी खाते मिले। सीबीआइ के अधिकारियों ने उन खातों के दस्तावेज भी जुटाए हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह फर्जी खाते मवेशी तस्करी के धंधे के काले धन को सफेद करने के लिए बनाए गए थे।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Wed, 25 Jan 2023 10:37 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jan 2023 10:37 PM (IST)
CBI को बीरभूम में सहकारी बैंक में फिर मिले 153 फर्जी खाते, केंद्रीय जांच एजेंसी ने खातों के दस्तावेज भी जुटाए
बीरभूम जिले के सिउड़ी सहकारी बैंक में सीबीआइ को और 153 बेनामी खाते मिले।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीबीआइ को बंगाल के बीरभूम जिले के सिउड़ी सहकारी बैंक में और 153 बेनामी खाते मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक इन सभी खातों को केंद्रीय जांच एजेंसी ने बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही सीबीआइ के अधिकारियों ने उन खातों के दस्तावेज भी जुटाए हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह फर्जी खाते मवेशी तस्करी के धंधे के काले धन को सफेद करने के लिए बनाए गए थे।

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सिउड़ी सहकारी बैंक पहुंचे सीबाआइ 

गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को इस सहकारी बैंक में 177 फर्जी खाते मिले थे। नतीजतन सीबीआइ ने अब तक लगभग 330 फर्जी बैंक खातों का पता लगाया है। बुधवार सुबह सीबीआइ के जांच अधिकारी सिउड़ी सहकारी बैंक पहुंचे। वहां 15 मिनट रुकने के बाद सीबीआइ के अधिकारी हरिपुर और धोबाग्राम पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक फर्जी खाताधारकों का पता उसी इलाके का है। सीबीआइ के अधिकारियों ने वहां जाकर ग्रामीणों से बात की।

फर्जी बैंक खाते को लेकर खुफिया एजेंसी कर रही है जांच 

बता दें कि सीबीआइ अधिकारियों से ग्रामीणों ने शिकायत की कि सहकारी बैंक में उन्होंने कोई खाता नहीं खोला। आरोप है कि उनके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर खाता खुलवाया गया। सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों को लिखना नहीं आता, उनके भी हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी के अधिकारी इस रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश कर रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में फर्जी बैंक खाते कैसे बनाए गए।

बताते चलें कि जनवरी की शुरुआत में सीबीआइ के अधिकारियों ने सिउड़ी में सहकारी बैंकछापा मारा था। उस वक्त भी 177 फर्जी बैंक खाते पाए गए थे। इन फर्जी खातों की जांच की जा रही है कि क्या मवेशी की तस्करी और काले धन के बीच कोई संबंध है।

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