अंग प्रत्यारोपण में कोलकाता ने फिर पेश की नजीर, किडनी, लीवर से दो को मिला नया जीवन
अदिति सिन्हा के ब्रेन डेड होने के बाद चिकित्सकों की परामर्श पर उसके अंगों को दान करने का फैसला किया। अदिति की किडनी, लीवर व कार्निया दान की गई।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। कोलकाता महानगर ने अंग प्रत्यारोपण में एक और नजीर पेश की है। 'ब्रेन डेड' घोषित की गई सिलीगुड़ी की मल्लिका मजुमदार के बाद अब खड़दह की अदिति सिन्हा की एक किडनी व लीवर को दो मरीजों में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया।
55 साल की अदिति की किडनी कोलकाता के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती ऊषा पारेख एवं लीवर एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती चंडीचरण घोष के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। अस्पतालों से मिली जानकारी के मुताबिक अंग प्रत्यारोपण के बाद दोनों मरीजों की हालत स्थिर है हालांकि चिकित्सक 48 घंटे बाद ही साफ तौर पर कुछ कहने की स्थिति में होंगे। दोनों को कड़ी चिकित्सा निगरानी में रखा गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुधवार को निजी नर्सिंग होम में ऊषा पारेख में किडनी प्रत्यारोपित की गई। गुरुवार तड़के एसएसकेएम अस्पताल में चंडीचरण घोष के शरीर में लीवर प्रत्यारोपित किया गया। लीवर को एसएसकेएम अस्पताल लाने के लिए 'ग्रीन कॉरीडोर' तैयार किया गया था। महज 13 मिनट में साल्टलेक के एक निजी नर्सिंग होम से लीवर को एसएसकेएम अस्पताल लाया गया। चंडीचरण घोष नदिया जिले के बादकुल्ला के रहने वाले हैं।
अदिति सिन्हा के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद चिकित्सकों की परामर्श पर परिजनों ने उसके अंगों को दान करने का फैसला किया था। अदिति की किडनी, लीवर व कार्निया दान की गई। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही सिलीगुड़ी की मल्लिका मजुमदार के अंगों को दान किया गया था। मल्लिका काफी समय से कानों के संक्रमण से पीडि़त थी। गत 31 जुलाई को उसे एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 13 अगस्त को चिकित्सकों ने उसे 'ब्रेन डेड' घोषित कर दिया। उसके बाद उसके परिजनों ने उसकी दोनों किडनी, लीवर समेत विभिन्न अंगों को दान करने का फैसला किया था।
मल्लिका की त्वचा एसएसकेएम अस्पताल के स्किन बैंक में दान की गई। आंखें महानगर के एक ख्याति प्राप्त अस्पताल को दे दी गई। लीवर महानगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती अजय रमाकांत नायक नामक मरीज को दान किया गया था। मल्लिका की दोनों किडनी एसएसकेएम के नेफ्रोलाजी डिपार्टमेंट को दान की गई। मल्लिका का दिल दिल्ली स्थित एम्स को दान किया गया था।