West Bengal: एसएससी भर्ती घोटाला में कलकत्ता हाई कोर्ट ने एकल पीठ का फैसला रखा बरकरार
ममता सरकार के एक और मंत्री पार्थ चटर्जी की भी बढ़ी परेशानी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस सिलसिले में बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को बुधवार शाम छह बजे तक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के समक्ष पेश होने का निर्देश भी दिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश को बुधवार को बरकरार रखा, जिसमें स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की सिफारिशों पर पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई कथित अवैध नियुक्तियों की सीबीआइ जांच करने का निर्देश दिया गया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस सिलसिले में बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को बुधवार शाम छह बजे तक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के समक्ष पेश होने का निर्देश भी दिया है। न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति एके मुखर्जी की खंडपीठ ने स्कूल सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित शिक्षक एवं गैर शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में ‘अनियमितताओं’ को ‘सार्वजनिक घोटाला’ करार दिया और कहा कि न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ का मामले की सीबीआइ जांच का आदेश गलत नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि एकल पीठ के फैसले में हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।
एकल पीठ ने राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था और कहा था कि सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नौंवी और दसवीं कक्षा के लिए शिक्षकों और ग्रुप सी तथा डी के कर्मचारियों के लिए 2016 के पैनल की भर्ती प्रक्रिया की देखरेख के लिए गठित पांच सदस्यीय समिति अवैध थी। खंडपीठ ने फैसले के खिलाफ अर्जियां दायर होने के बाद इन सभी फैसलों पर रोक लगा दी थी। इन अर्जियों पर फैसला सुनाते हुए खंडपीठ ने न्यायमूर्ति आरके बाग समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया, जिसमें घोटाले से जुड़े तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस सिलसिले में बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को बुधवार शाम छह बजे तक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के समक्ष पेश होने का निर्देश भी दिया है। वहीं इससे पहले मंगलवार को मंत्री परेश अधिकारी को भी सीबीआइ के समक्ष हाजिर होने का हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है।