Move to Jagran APP

Calcutta High Court: ममता सरकार की तबादला नीति पर उठते सवाल

कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार की तबादला नीति पर सवाल खड़े करते हुए अनुबंध पर काम कर रही एक शिक्षिका के तबादला आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। राज्य सरकार को इन शिक्षिकाओं के दर्ज को समझते हुए इनके लिए कोई व्यावहारिक निर्णय लेना चाहिए।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 01:11 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 01:11 PM (IST)
Calcutta High Court: ममता सरकार की तबादला नीति पर उठते सवाल
याचिकाकर्ता अनिमा नाथ उन पांच शिक्षिकाओं में से एक हैं, कलकत्ता हाई कोर्ट। फाइल फोटो

कोलकाता, स्टेट ब्यूरो। अभी कुछ दिन पहले ही तबादले के खिलाफ अनुबंधित शिक्षिकाओं ने विरोध प्रदर्शन किया था और शिक्षा विभाग के मुख्यालय के सामने विरोध में जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी। इस तबादले को शिक्षकों ने अवैध बताया था। अब कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार की तबादला नीति पर सवाल खड़ा करते हुए अनुबंध पर काम कर रही एक शिक्षिका का हुगली जिले से करीब तीन सौ किलोमीटर दूर मालदा तबादला करने के आदेश पर बुधवार को अंतरिम रोक लगा दी। याचिकाकर्ता अनिमा नाथ उन पांच शिक्षिकाओं में से एक हैं, जिन्होंने साल्टलेक में राज्य शिक्षा विभाग के मुख्यालय विकास भवन के सामने प्रदर्शन करते हुए कथित रूप से जहर खा लिया था।

loksabha election banner

हाई कोर्ट सिर्फ रोक ही नहीं, तबादले को रद करना चाह रहा है। बुधवार को न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य ने राज्य सरकार को इस मुद्दे पर अपनी बात रखने का अंतिम मौका दिया था, लेकिन सरकार की ओर से और समय मांगे जाने पर न्यायाधीश ने तीस सितंबर तक हलफनामा जमा करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को हाई कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा था कि अनिमा का तबादला किस आधार पर किया गया? इस सवाल का सही से उत्तर राज्य सरकार की ओर से नहीं दिया जा सका और मान लिया गया है कि अनुबंधित शिक्षकों-शिक्षिकाओं के तबादले को लेकर उनके पास कोई विशेष नियम नहीं है। वादी पक्ष के वकील विकास भट्टाचार्य और फिरदौस शमीम ने दावा किया कि केवल 10,000 रुपये के मासिक वेतन के साथ शिक्षिका दो मकानों का खर्च नहीं उठा सकती। पहला मकान हुगली में जहां उनका परिवार रहता है और दूसरा मालदा में, जहां उनका तबादला किया गया है।

शमीम ने यह भी दावा किया कि वह नाथ हाई स्कूल में अनुबंध पर पढ़ाती हैं और उनका तबादला एक मदरसे में किया गया जो नियमों के खिलाफ है। वह हुगली के एक स्कूल वोकेशनल विभाग में शिक्षिका हैं, लेकिन पिछले माह 19 अगस्त को उन्हें अचानक हुगली से मालदा स्थानांतरित करने का आदेश थमा दिया गया। उस आदेश को चुनौती देते हुए अनिमा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसी तरह से दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद के कई और शिक्षिकाओं व शिक्षकों को जहां- तहां तबादला कर दिया गया है। इन लोगों का दावा है कि उनके लिए घर से दूर काम करना संभव नहीं है, क्योंकि वे कम वेतन पाने वाले कर्मचारी हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.