कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोयला खनन की जांच के संबंध में एकल पीठ के आदेश पर लगाई रोक
कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने अवैध खनन और कोयले के परिवहन की सीबीआइ जांच का दायरा सिर्फ रेलवे इलाकों तक सीमित कर दिया है। अदालत ने सभी पक्षों को अपील में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। वहीं मामले की अगली सुनवाई अब 27 अप्रैल को होगी
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी, जिसके तहत कथित अवैध खनन (Illegal mining) और कोयले के परिवहन की सीबीआइ जांच का दायरा बंगाल के सिर्फ रेलवे इलाकों तक सीमित कर दिया गया था। अदालत ने कोयला तस्करी का कथित सरगना व इस मामले में आरोपित अनूप माजी उर्फ लाला द्वारा उसके खिलाफ किसी भी तरह की कठोर कार्रवाई से अंतरिम राहत दिये जाने के अनुरोध को भी खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति रजनीश बिंदल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध रॉय की खंडपीठ ने कहा कि यदि अभी जांच प्रक्रिया रोकी जाती है, तो ऐसे साक्ष्य छूट सकते हैं, जिन्हें जुटाए जाने की आवश्यकता है। साथ ही, आरोपित अपने उस उद्देश्य में सफल हो सकता है जिसके लिए यह याचिका दायर की गई है। पीठ ने कहा कि यह मामला अवैध खनन और याचिकाकर्ता माजी समेत, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड, सीआइएसएफ के अधिकारियों एवं अन्य की मिलीभगत से रेलवे के जरिए कोयले के परिवहन से संबंधित है, ऐसे में प्राथमिकी में जिक्र किए गए अन्य आरोपितों के खिलाफ जांच जोखिम में पड़ जाएगी।
साथ ही, खंडपीठ ने तीन फरवरी को एकल पीठ द्वारा जारी किए गए आदेश पर रोक लगा दी। आदेश में कह गया था कि सीबीआइ इस प्राथमिकी के सिलसिले में बंगाल में रेलवे इलाकों के अंदर ही जांच जारी रखने के लिए अधिकृत है। बहरहाल, अदालत ने सभी पक्षों को अपील में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। वहीं, मामले की अगली सुनवाई अब 27 अप्रैल को होगी।