कोलकाता, राज्य ब्यूरो। इस वर्ष मार्च और अप्रैल में दक्षिण 24 परगना जिले के बासंती और मालदा जिले में हुए बम धमाकों को कलकत्ता हाई कोर्ट ने एनआइए अधिनियम के तहत अपराध माना है। मंगलवार को इस मामले पर हाई कोर्ट ने केंद्र को राज्य सरकार की एक रिपोर्ट के आधार पर इन धमाकों की जांच पर फैसला लेने का निर्देश भी दिया। बासंती में 28 मार्च को हुए धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं, मालदा में 22 अप्रैल को धमाका हुआ था, जिसमें कई अन्य घायल हुए थे। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायाधीश आर भारद्वाज की खंडपीठ ने कहा कि दोनों मामलों में अपराध विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आते हैं। विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल अनुसूचित अपराधों के अंतर्गत आता है, जिसकी जांच एनआइए से कराई जा सकती है। हाई कोर्ट में में दो व्यक्तियों द्वारा तीन याचिकाएं दायर कर राज्य सरकार को मामले की जांच एनआइए को सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई थी। जिन थानों के क्षेत्राधिकार में धमाके हुए थे, हाई कोर्ट ने उन थानों के प्रभारी निरीक्षकों को तीन दिन के भीतर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। अदालत ने राज्य सरकार से यह रिपोर्ट तीन दिन के भीतर केंद्र को भेजने के लिए कहा है। खंडपीठ ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट के आधार पर दोनों धमाकों की जांच पर फैसला लेने का निर्देश दिया।
धमाकों में एक की मौत और पांच बच्चे हुए थे जख्मी
बताते चलें कि 28 मार्च को दक्षिण 24 परगना के बासंती थाना क्षेत्र स्थित एक घर में धमाका हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पुलिस का कहना था कि बम घर में रखा हुआ था, जिससे विस्फोट हो गया और घटना में फारूक सरदार नाम एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके कुछ दिनों बाद 24 अप्रैल को मालदा जिले के कलियाचक में एक धमाका हुआ था उस समय पांच बच्चे वहां खेल रहे थे जिसमें वे सभी घायल हो गए थे। उस घटना के बाद एनआइए जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उस पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि केंद्र तय करे कि एनआइए जांच जरूरी है या नहीं?