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Calcutta High Court: न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने एक और उम्मीदवार को शिक्षिका की नौकरी देने का दिया निर्देश

कलकत्ता हाई कोर्ट ने बबीता सरकार के बाद अब प्रियंका साहू को शिक्षिका की नौकरी देने का निर्देश दिया है।न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने कहा कि 11 से 21 अक्टूबर के बीच काउंसिलिंग करनी होगी और 28 अक्टूबर तक प्रियंका को नियुक्ति पत्र देना होगा।

By JagranEdited By: Sumita JaiswalPublished: Thu, 29 Sep 2022 06:50 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 06:50 PM (IST)
Calcutta High Court:  न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने एक और उम्मीदवार को शिक्षिका की नौकरी देने का दिया निर्देश
28 अक्टूबर तक नियुक्ति पत्र देना होगा। सांकेतिक तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  कलकत्ता हाई कोर्ट ने बबीता सरकार के बाद अब प्रियंका साहू नामक उम्मीदवार को शिक्षिका की नौकरी देने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि 11 से 21 अक्टूबर के बीच काउंसिलिंग करनी होगी और 28 अक्टूबर तक प्रियंका को नियुक्ति पत्र देना होगा। प्रियंका को उनके घर के आसपास तीन स्कूलों में से किसी एक का चयन करने का अवसर प्रदान करने का भी हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है।

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भ्रष्टाचारियों को इसकी सजा भुगतनी होगी

हाई कोर्ट के फैसले पर प्रियंका ने कहा कि अदालत के फैसले से नौकरी के लिए आंदोलन कर रहे उम्मीदवार प्रेरित होंगे। वे भी अदालत में जाने का साहस जुटा पाएंगे और उन्हें भी न्याय मिलेगा। दूसरी तरफ कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश विश्वजीत बसु ने न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की तारीफ करते हुए कहा- 'वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कर रहे हैं और मैं भी उनकी लड़ाई में शामिल हो रहा हूं। भ्रष्टाचार के जो मामले सामने आए हैं, वह तो नाममात्र हैं। बहुत बड़ा घोटाला हुआ है।' न्यायाधीश बसु ने आगे कहा-'मुझे नहीं पता कि इसका अंत कहां जाकर होगा लेकिन इस गंदगी को साफ करना होगा। भ्रष्टाचारियों को इसकी सजा भुगतनी होगी।'

नेताओं ने दी प्रतिक्रियाएं 

माकपा की केंद्रीय कमेटी के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि धीरे-धीरे वंचित उम्मीदवारों को नौकरी मिल रही है। सड़क पर बैठकर जो आंदोलन कर रहे हैं, वे सभी योग्य है। लोगों को इंसाफ मिलना जरूरी है।' दूसरी तरफ तृणमूल नेता शांतनु सेन ने कहा-'हमारी सरकार क्या उठा रही है, यह पहले ही बता दिया गया है। कैबिनेट की बैठक करके नए पदों का सृजन किया जा रहा है ताकि कोई उम्मीदवार वंचित न हो। अदालत जैसा कहेगी, उसी के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी।


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