Kolkata: बंगाल में चोरी के 51 वर्ष पुराने मामले में 78 साल के व्यक्ति दोषी करार, पांच साल जेल की सजा
जज ने कहा कि लोगों को न्यायालय पर भरोसा है। न्याय में देरी हो सकती है पर अंधेर नहीं। कोर्ट ने इस 51 वर्ष पुराने मामले में दोषी करार दिए गए 78 साल के बुजुर्ग को पांच साल जेल की सजा सुनाई है। File Photo
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 51 वर्ष पुराना चोरी के एक मामले में फैसला सुनाया है। जज ने कहा कि लोगों को न्यायालय पर भरोसा है। न्याय में देरी हो सकती है पर अंधेर नहीं। कोर्ट ने इस 51 वर्ष पुराने मामले में दोषी करार दिए गए 78 साल के बुजुर्ग को पांच साल जेल की सजा सुनाई है।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि न्याय में देर हो सकता है। इस समय मामले में जमानत पर बाहर रह रहे दोषी को 23 फरवरी से पहले अदालत ने आत्मसमर्पण करने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि यह मामला छह फरवरी, 1972 का है। तत्कालीन मेदिनीपुर जिले में बदमाशों ने एक में चोरी को अंजाम दिया था। चोर उसके कई घरेलू सामान और एक बंदूक ले गए थे।
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों पर चोरी समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया था, जिसमें 10 साल की जेल की सजा हुई थी। फिर ट्रायल 1984 से मेदिनीपुर सत्र अदालत में हुआ था। ट्रायल में कोर्ट ने अहिंद्र कुमार मांझी और एक अन्य व्यक्ति को दोषी करार देते हुए दोनों को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई थी।
मांझी कुछ समय तक जेल में रहे और बाद में जमानत मिल गई थी। इसके बाद यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा। हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुवेंदु सामंत ने कहा मामला कितना पुराना हो, यह मायने नहीं रखता। अगर कोई अपराधी है तो उसे राहत नहीं मिलेगी। जस्टिस ने कहा कि सभ्य समाज हमेशा न्याय की मांग करता है। समय की कमी के कारण इसे नकारा नहीं जा सकता।
कोर्ट ने कहा यह सच है कि घटना वर्ष 1972 में हुई थी और हम वर्ष 2023 में हैं, लंबा समय पहले ही बीत चुका है। देर होने के बाद भी न्याय होना जरूरी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि न्याय करना ही हमारी प्राथमिकता है।
मेदिनीपुर अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए न्यायाधीश ने कहा कि दोषी जमानत पर हैं। उसे 23 फरवरी, 2023 को पश्चिम मेदिनीपुर के सत्र न्यायाधीश के समक्ष हाजिर होकर समर्पण करना होगा। ताकि उनकी सजा के शेष हिस्से को पूरा किया जा सके। ऐसा न करने पर सत्र न्यायाधीश दोषी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी करेगा।