व्यापार शिखर सम्मेलन: बुनियादी ढांचे पर बंगाल सरकार ने खर्च किया 33000 करोड़ रुपये
Business Summit Bengal government प बंगाल सरकार द्वारा आयोजित होने वाले व्यापार शिखर सम्मेलन बंगाल ग्लोबल बिजनेस सम्मिटपांचवा संस्करण शुरू होने वाला है
जागरण संवाददाता, कोलकाता। अगले महीने की सात तारीख से पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा आयोजित होने वाले व्यापार शिखर सम्मेलन "बंगाल ग्लोबल बिजनेस सम्मिट" का पांचवा संस्करण शुरू होने वाला है। दो दिनों तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन में उद्योगपतियों को विशेष तौर पर आकर्षित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य भर के विभिन्न क्षेत्रों में उद्योग के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष तौर से जोर दिया है।
शनिवार को राज्य सरकार के वित्त व उद्योग विभाग की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है। बताया गया है कि इसके लिए एक साल पहले से ही राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी थी और किसी भी क्षेत्र में निवेश से उद्योगपति ढांचागत मौजूदगी की वजह से पीछे ना हटें यह सुनिश्चित किया गया है। विभाग के मुताबिक राज्य सरकार ने सात से आठ फरवरी, 2019 तक बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के पांचवें संस्करण में अत्यधिक सफल बुनियादी ढांचा क्षेत्र को विशेष महत्व देने का निर्णय लिया है।
इसे ध्यान में रखते हुए चालू वित्त वर्ष में, यानी अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक, सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पहले ही 33,000 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। यह राशि राज्य भर में - ग्राम पंचायत क्षेत्रों, कस्बों और शहरों में - सड़कों, पुलों, बांधों, सिंचाई नहरों और विभिन्न अन्य सुविधाओं और संरचनाओं के निर्माण के लिए खर्च की गई है। इतना खर्च किए जाने के साथ, इस क्षेत्र पर बंगाल ग्लोबल बिजनेस सम्मिट पर ध्यान केंद्रित करना स्वाभाविक है, जहां दुनिया भर की शीर्ष कंपनियों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं।
विभाग की ओर से बताया गया है कि निवेश को सरल बनाने के लिए राज्य सरकार ने एकल-खिड़की योजना शुरू की है। सभी क्षेत्रों की कंपनियों के लिए इसे आसान बनाने के लिए, तृणमूल कांग्रेस सरकार ने एकल-खिड़की योजना शुरू की है, जिसमें आग, पानी, आदि जैसी सभी अनुमतियाँ एक ही स्थान से प्राप्त की जा सकती हैं, और अधिकांश प्रक्रियाएँ ऑनलाइन भी कर दी गई हैं ताकि किसी भी तरह की सरकारी जरूरत के लिए उद्योगपतियों को भागदौड़ नहीं करनी पड़े। विभाग की ओर से बताया गया है कि पिछले छह वर्षों में, राजस्व संग्रह और राज्य की जीडीपी दोगुनी हो गई है।
बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए खर्च भी चार गुना बढ़ गया है। बिजली की खपत और उत्पादन में भारी वृद्धि हुई है। राज्य की अर्थव्यवस्था सातवें से देशभर में शीर्ष दो बनकर उभरी है। पूरे देश में हो रहे निर्माण में से 8.23% का हिस्सा पश्चिम बंगाल का है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल का जीवीए वृद्धि दर 15.5 प्रतिशत है। यह सारे आंकड़े राज्य में तेजी से विकसित हो रहे हैं अर्थव्यवस्था के सूचक हैं और व्यापार शिखर सम्मेलन के पांचवे संस्करण में निवेश में यह बेहद मददगार साबित होंगे।