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IG बोले-मानसून सीजन में भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए तस्करी का मंसूबा पाले अपराधियों की खैर नहीं

मानसून सीजन के दौरान बारिश व खराब मौसम का फायदा उठाकर भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए तस्करी का मंसूबा पाले अपराधियों की इस बार भी खैर नहीं है। दक्षिण बंगाल के जिलों से लगती सीमा पर मवेशियों व अन्य प्रतिबंधित सामानों की तस्करी रोकने को बीएसएफ कमर कसकर तैयार है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 09:51 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 11:58 PM (IST)
IG बोले-मानसून सीजन में भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए तस्करी का मंसूबा पाले अपराधियों की खैर नहीं
कोलकाता स्थित दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय में बैठक करते आइजी अश्विनी कुमार सिंह।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : मानसून सीजन के दौरान बारिश व खराब मौसम का फायदा उठाकर भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए तस्करी का मंसूबा पाले अपराधियों की इस बार भी खैर नहीं है। दक्षिण बंगाल के जिलों से लगती सीमा पर मवेशियों व अन्य प्रतिबंधित सामानों की तस्करी रोकने को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कमर कसकर तैयार है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आइजी) अश्वनी कुमार सिंह ने शुक्रवार को मानसून के दौरान संभावित चुनौतियों से निपटने व तैयारियों की समीक्षा के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोलकाता स्थित फ्रंटियर मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा अपने इलाके में तैनात सभी सेक्टर कमांडरों तथा बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर्स के साथ उच्चस्तरीय बैठक की।

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बैठक में उन्होंने सभी प्रकार की विकट परिस्थितियों में ट्रांस बॉर्डर क्राइम को रोकने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया।‌ फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि बैठक के दौरान आइजी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि इस साल भी किसी भी हाल में मानसून सीजन में तस्करी की एक भी घटना उनके क्षेत्र में नहीं हो पाए। इसके लिए उन्होंने मानसून की आड़ में नदियों के रास्ते होने वाली मवेशी तस्करी पर पैनी नजर रखने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।

संवेदनशील इलाकों को चिन्हित कर रात्रि के उपकरण व सीसीटीवी लगाने के आदेश

उन्होंने तस्करी के प्रयास को रोकने के लिए सभी नदियों में बोट को अलर्ट करने के आदेश के साथ साथ नदी के रास्ते तस्करी के संवेदनशील इलाकों को चिन्हित कर रात्रि के उपकरण, सीसीटीवी कैमरा स्थापित करने के लिए आदेश जारी किए। तस्करी के संवेदनशील इलाकों में बीएसएफ के जवानों की गतिशील संख्या में तैनाती करने का भी आदेश दिया।

सीमावर्ती लोगों की मदद करने के भी दिए आवश्यक निर्देश

गुलेरिया ने बताया कि बैठक के दौरान आइजी ने बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की मदद करने, जिसमें खासकर सुंदरवन इलाकों में स्पीड बोटों के माध्यम से लोगों का बचाव, चिकित्सा सुविधाएं, सर्च और रेस्क्यू, एंबुलेंस की सुविधाएं आदि का समुचित प्रबंध करने को भी कहा। उन्होंने आने वाले समय में खराब मानसून के मद्देनजर फ्रंटियर मुख्यालय समेत इसके अंतर्गत सभी बटालियनों एवं सेक्टर मुख्यालयों में कंट्रोल रूम स्थापित करने का भी निर्देश दिया।

तस्करी रोकने को पुख्ता रणनीति बनाकर किए हैं खास इंतजाम

गौरतलब है कि दक्षिण बंगाल का बॉर्डर इलाका मवेशियों की तस्करी के लिए कुख्यात रहा है। हालांकि बीएसएफ का दावा है कि अब इस इलाके में मवेशियों की तस्करी शून्य हो चुकी है। पिछले लंबे अरसे से मवेशियों की तस्करी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। 2019 के बाद से इसमें अभूतपूर्व कमी आई है। लेकिन अबकी बार मौसम विभाग के अनुसार पिछले वर्षो की अपेक्षा ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। किसी भी प्रकार की तस्करी न हो इसके लिए दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने पहले से पुख्ता रणनीति बनाकर बारिश से प्रभावित नदी वाले इलाके जिसका इस्तेमाल तस्कर, तस्करी के लिए करते है, में खास इंतजाम किए है।

दक्षिण बंगाल बॉर्डर का 350 किलोमीटर इलाका नदियों से होकर गुजरता है

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की जिम्मेदारी के 913 किलोमीटर बॉर्डर में से लगभग 350 किलोमीटर इलाका नदियों से होकर गुजरता है। जिसमें बारिश का फायदा उठाकर तस्कर मवेशियों की तस्करी करने की फिराक में रहते हैं। बैठक में खासकर सीमा चौकी नीमतीता, हारूडंगा, जीरो प्वाईंट इत्यादि का विशेष जिक्र किया, कयोंकि इन सीमा चौकियों से मवेशियों को नदियों में आई बाढ के द्वारा तस्करी करने के प्रयास किए जाते हैं।इस फ्रंटियर के कुल इलाके में 110 किलोमीटर सुंदरवन का इलाका है जहां इसटुआरी पॉइंट से लेकर सीमा चौकी वांकड़ा तक की जिम्मेवारी 27वीं वाहिनी की है। इसमें फ्लोटिंग सीमा चौकियों , वैसल, स्पीड बोट/ मैकेनाइज्ड बोट्स आदि तैनात हैं जो कि बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी करते हैं। इसी वाहिनी के साथ 85वीं वाहिनी जो इच्छामती नदी से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा की निगरानी सीमा चौकी पानीतार तक करती है, यह इलाका भी भारी बारिश से प्रभावित होगा।आइजी ने प्रभावित संभावित क्षेत्रों के लिए कड़े दिशा–निर्देश जारी किए। उन्होंने बॉर्डर अपराधियों से भी सख़्ती से निपटने को कहा।

राज्य पुलिस से भी निरंतर समन्वय बनाकर रहने को कहा

आइजी ने ये भी निर्देश दिए कि सभी फ़ील्ड कमांडर अपने इलाक़े में तैनात राज्य पुलिस के पुलिस स्टेशनों से तथा जिला पुलिस अधीक्षकों से निरंतर समन्वय बनाकर रखें, ताकि समय पड़ने पर ज्वाइंट ऑपरेशन किया जा सके। साथ ही पशु तस्करी होने की संभावना को पूर्णतः नकारा जा सके। दरअसल, हर वर्ष मानसून के समय में राज्य पुलिस के जवानों के साथ कई जगह ज्वाइंट ऑपरेशन किए जाते हैं। उन्होंने ये भी दिशानिर्देश दिए कि सभी खुफिया एजेंसियों से भी समन्वय रखा जाए, ताकि बॉर्डर एरिया में आने से पहले ही मवेशियों को पुलिस की मदद से पकड़ा जा सके।


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