अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने से घुसपैठ व तस्करी रोकने में मिलेगी काफी मदद, पुलिस को नहीं होगी कोई परेशानी : बीएसएफ
बीएसएफ ने कहा कि पुलिस व राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण की बात निराधार है बीएसएफ का दावा-अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने से पुलिस को ही मिलेगी मदद।बीएसएफ किसी को भी गिरफ्तार करेगी तो वह उसे राज्य की पुलिस को ही सौंपेंगी और पुलिस आगे की कार्रवाई कर सकेगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्र सरकार द्वारा हाल में बंगाल, पंजाब और असम में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने को लेकर राजनीति गर्म है। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इस फैसले का विरोध कर रही है और इसे राज्य व पुलिस के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण बता रही है। वहीं, बीएसएफ ने पुलिस व राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण की बात को पूरी तरह निराधार बताया है।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने से पुलिस को ही मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि इस फैसले से बीएसएफ को अब घुसपैठ व तस्करी जैसे सीमा पार अपराधों को रोकने में काफी मदद मिलेगी और इसके खिलाफ हम कारगर तरीके से कार्रवाई कर पाएंगे।
अधिकारी ने जोर देकर कहा कि पुलिस प्रशासन को इससे कोई परेशानी नहीं होगी, उल्टे उन्हें अपराधियों से निपटने में मदद मिलेगी। बीएसएफ किसी को भी गिरफ्तार करेगी तो वह उसे राज्य की पुलिस को ही सौंपेंगी और पुलिस आगे की कार्रवाई कर सकेगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीएसएफ कानून में संशोधन कर उसे बंगाल, पंजाब व असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारतीय क्षेत्र के अंदर 50 किमी तक तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है, जो पहले 15 किलोमीटर तक ही थी।
अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने से बीएसएफ को बंगाल में काफी मदद मिलेगी जहां बांग्लादेश से घुसपैठ व तस्करी एक बड़ी चुनौती है। भारत कुल 4,096 किलोमीटर बार्डर बांग्लादेश के साथ साझा करता है, इसमें सबसे ज्यादा 2,216 किलोमीटर की बार्डर बंगाल के साथ लगी हुई है। बंगाल के आठ जिले उत्तर व दक्षिण 24 परगना, मालदा, मुर्शिदाबाद, नदिया, कूचबिहार, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर बांग्लादेश सीमा से लगे हुए हैं। यहां से बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ बड़ी समस्या है। भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया था।
अपराधियों में अब बना रहेगा ज्यादा डर
बीएसएफ अधिकारी की मानें तो केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फैसले से खासकर घुसपैठ, मवेशियों, ड्रग्स व अन्य सामानों की तस्करी, मानव तस्करी आदि को रोकने में काफी मदद मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर पीछे तक इस प्रकार के अपराधों में लिप्त लोगों को हम पकड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि तस्करी में शामिल गिरोह पहले बार्डर से 15 किलोमीटर पीछे अपना अड्डा बना कर रखते थे और वहां से मौका मिलते ही सामानों की तस्करी आदि करते थे। अब उन्हें 50 किलोमीटर पीछे जाना पड़ेगा और उनमें बीएसएफ का डर बना रहेगा।