बीएसएफ ने मालदा सीमा पर गंगा नदी में डूब रहे एक नागरिक की जान बचाई
होश में आने के बाद बचाए गए व्यक्ति ने अपना नाम अमर ठाकुर निवासी - जैत कुंडू कॉलोनी बासुदेवपुर बताया। उसने कहा कि नदी की धारा के बीच में मछली पकड़ने के दौरान उसकी टिन शीट की नाव ढह गई और डूब गई।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का मिशन न केवल अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर ट्रांस बॉर्डर अपराधों को रोकना हैं, बल्कि सीमा क्षेत्र के निवासियों के दिलों को जीतना भी हैं, जो बीएसएफ के साथ कई वर्षों से अगल-बगल रहने वाले सीमावर्ती क्षेत्र के निवासी हैं। संकट के समय दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं। यह बात एक बार फिर साबित हुई, जब बीएसएफ के जवानों ने बंगाल के सीमावर्ती मालदा जिले में गंगा नदी में डूब रहे एक नागरिक की जान बचाई।
इस घटना में बीएसएफ के बहादुर जवानों ने अपने स्वयं के जीवन की परवाह किए बिना व्यक्ति की जान बचाई। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से गुरुवार को एक बयान में बताया गया कि 23 सितंबर को मालदा जिले के निमतिता सीमा चौकी अंतर्गत बासुदेवपुर (धूलियान) गांव के पास गंगा नदी के तट पर 78वीं बटालियन का कॉन्स्टेबल रविकांत ड्यूटी पर था। इस दौरान उन्होंने गंगा नदी की तेज धाराओं में एक व्यक्ति को डूबते हुए देखा। उन्होंने तुरंत बीएसएफ सीमा चौकी को सूचित किया और बीएसएफ मोटर बोट को तुरंत मौके पर पहुंचने को कहा।
कॉन्स्टेबल अंजनी कुमार के साथ कांस्टेबल रविकांत ने मोटर बोट से तत्काल मौके पर पहुंचकर नागरिक को बचाया। डूबने वाले पीड़ित को बीएसएफ द्वारा सीपीआर और प्रथम चिकित्सा प्रदान की गई। होश में आने के बाद बचाए गए व्यक्ति ने अपना नाम अमर ठाकुर (36), निवासी - जैत कुंडू कॉलोनी, बासुदेवपुर (धूलियान) बताया। उसने आगे कहा कि नदी की धारा के बीच में मछली पकड़ने के दौरान उसकी टिन शीट की नाव ढह गई और डूब गई।
उन्होंने तैरने के प्रयास किए लेकिन नदी के तेज प्रवाह के कारण वह तैरने में असमर्थ रहा और अंततः गंगा नदी के सामने लगभग आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने आभार जताते हुए कहा कि बीएसएफ जवानों की समय पर कार्रवाई से उसकी जान बच सकी। इधर, सीमावर्ती गांव के लोग बीएसएफ के इस कार्य की जमकर सराहना कर रहे हैं।