बीएसएफ ने सीमावर्ती क्षेत्र से दुर्लभ प्रजाति के 52 पक्षियों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं वाहिनी के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के 52 पक्षियों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं वाहिनी के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के 52 पक्षियों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने गुरुवार को बताया कि इन पक्षियों की उत्तर 24 परगना में बीएसएफ की सीमा चौकी डोबिला इलाके से होकर बांग्लादेश से भारत में तस्करी की कोशिश की जा रही थी।
उन्होंने बताया कि बीएसएफ की खुफिया शाखा को सीमा चौकी डोबिला के सीमा क्षेत्र से पक्षियों की तस्करी होने की सूचना मिली। इसके बाद संदिग्ध क्षेत्र में जवानों ने घात लगाया। बुधवार रात करीब साढ़े आठ बजे जवानों ने बांग्लादेश की तरफ से पांच से छह संदिग्ध लोगों को भारतीय सीमा में प्रवेश करते देखा। घात लगाए जवानों ने उन्हेंं रुकने को कहा, जिसपर वे लोग केला बागान का छुपाव लेकर बंग्लादेश की ओर भागने में कामयाब हो गए।
आसपास के इलाके की तलाशी के दौरान 13 प्लास्टिक के थैले मिले, जिनमें से 45 कबूतर तथा सात अमेजऩ तोता को बरामद किया गया। बचाए गए पक्षियों को सीमा चौकी डोबिला में लाया गया। बीएसएफ ने आगे की कार्यवाही के लिए बचाए गए पक्षियों को अलीपुर चिडिय़ाघर, कोलकाता को सौंप दिया है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से बांग्लादेश के रास्ते पक्षियों की तस्करी बढ़ गई है। हालांकि सतर्क बीएसएफ के जवान लगातार तस्करों के मंसूबे को विफल कर रहे हैं।
वन्यजीव की तस्करी रोकने को बीएसएफ उठा रही कड़ा कदम : कमांडेंट
इधर, 153वीं बटालियन, बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर जवाहर सिंह नेगी ने बताया कि भारत - बंग्लादेश सीमा पर वन्यजीव की तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ कड़े कदम उठा रही है। जिस वजह से तस्करों को सीमावर्ती इलाके में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में मुश्किलों का अनुभव हो रहा है। उनमें से कई पकड़े जा रहे हैं और उनको अपराध करने के लिए दंडित किया जा रहा है।