बीएसएफ ने भारत- बांग्लादेश सीमा पर दुर्लभ प्रजाति के 36 कबूतरों को तस्करी से बचाया
बीएसएफ पार्टी ने इलाके की सघन तलाशी ली तो पास के खेत से छह नायलान बैग बरामद हुआ जिसके अंदर से अलग-अलग रंगों के 36 कबूतर मिले। बीएसएफ ने तस्करी से बचाए गए सभी कबूतरों को आगे की कार्यवाही के लिए कस्टम कार्यालय तेंतुलिया को सौंप दिया हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक बार फिर वन्य जीवों की तस्करी को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के 36 कबूतरों को तस्करों के चंगुल से बचाया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि तस्कर अलग-अलग रंगों के इन सभी कबूतरों को बीएसएफ की सीमा चौकी तराली के इलाके से तस्करी कर बांग्लादेश से भारत में लाने की कोशिश कर रहे थे।यह घटना मंगलवार शाम की है जब तस्करी की कोशिश की जा रही थी।
बीएसएफ द्वारा जारी बयान के मुताबिक, आठ मार्च (मंगलवार) को सीमा चौकी तराली, 112वीं वाहिनी, सेक्टर कोलकाता के जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रूटीन ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान जवानों ने दो संदिग्ध व्यक्तियों की हरकत देखी जो अपने साथ कुछ बैग लिए हुए बांग्लादेश से भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। जब ड्यूटी पर तैनात जवानों ने उसे चुनौती दी तो दोनों ही तस्कर बैग को फेंककर अंधेरे तथा सघन बस्ती का फायदा उठाकर वापस बांग्लादेश की तरफ भाग गये। जब बीएसएफ पार्टी ने इलाके की सघन तलाशी ली तो पास के खेत से छह नायलान बैग बरामद हुआ जिसके अंदर से अलग-अलग रंगों के 36 कबूतर मिले। बीएसएफ ने तस्करी से बचाए गए सभी कबूतरों को आगे की कार्यवाही के लिए कस्टम कार्यालय तेंतुलिया को सौंप दिया हैं।
इधर, इस सफलता पर दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए 112वीं वाहिनी के जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर तैनात जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है। अधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि उनके जवानों की नजरों से कुछ भी नही छिप सकता।