बीएसएफ ने फिर निभाया इंसानियत का धर्म, बांग्लादेश में रहने वाली बहन को कराया भाई का अंतिम दर्शन
बीएसएफ की पहल से बहन को नसीब हुआ भाई का अंतिम दर्शन मालदा जिले की घटना। कंपनी कमांडर ने उनकी बात सुनकर मानवीय और भावनात्मक पहलू को ध्यान में रखते हुए बिना कोई देर किए इस संबंध में तुरंत अपने समकक्ष बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों से संपर्क किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ सीमा वासियों के भावनात्मक और सामाजिक मूल्यों का भी पूरा ख्याल रख रही है। इसी क्रम में बंगाल के मालदा जिले में तैनात बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत 44वीं वाहिनी ने इंसानियत का धर्म निभाते हुए सीमा पार बांग्लादेश में रहने वाली बहन को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास जोरो लाइन पर मृत भाई का अंतिम दर्शन कराकर मिसाल पेश की है। इस तरह बीएसएफ की पहल से बहन को अपने भाई का अंतिम दर्शन नसीब हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना मालदा जिले में बीएसएफ की 44वीं वाहिनी की सीमा चौकी सीमा चौकी किस्तोपुर इलाके की है, जहां 12 मई को इस प्रकार का संवेदनापूर्ण प्रकरण सामने आया। यहां सीमावर्ती गांव किस्तोपुर के ग्राम प्रधान ने किस्तोपुर के कंपनी कमांडर को बताया कि उसके गांव के रहने वाले अब्दुल खालिक का शाम करीब छह बजे देहांत हो गया है। उसकी बहन बांग्लादेश के सीमावर्ती गांव चांदशिकारी, जिला चपाईनवाबगंज में रहती है, जो कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से तकरीबन एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उन्होंने बीएसएफ से अनुरोध किया कि उसकी बहन, भाई का अंतिम दर्शन करना चाहती है, लिहाजा अगर बीएसएफ मदद कर दे तो यह नसीब हो जाएंगे।
बीएसएफ ने की अंतिम दर्शन कराने की व्यवस्था
इसके बाद कंपनी कमांडर ने उनकी बात सुनकर मानवीय और भावनात्मक पहलू को ध्यान में रखते हुए बिना कोई देर किए इस संबंध में तुरंत अपने समकक्ष बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों से संपर्क किया। बीएसएफ के अनुरोध के बाद बीजीबी ने भी मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए कदम आगे बढ़ाया। लिहाजा दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों ने आपसी सहयोग के मद्देनजर मानवता को सर्वोपरि रखते हुए बांग्लादेश में रहने वाली बहन के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास जीरो लाइन पर रात में ही करीब 10 बजे भाई के अंतिम दर्शन करवाने की व्यवस्था की। इस तरह बहन को अपने भाई के अंतिम दर्शन संभव हुए।
बहन ने बीएसएफ का जताया आभार
वहीं, अंतिम दर्शन के उपरांत बहन व रिश्तेदारो ने सीमा सुरक्षा बल की इस पहल के लिए आभार प्रकट किया और कहा कि आप लोगों की मानवीयता के चलते हमें अपने भाई के अंतिम दर्शन नसीब हुए हैं।
बीएसएफ सदैव सामाजिक व मानवीय मूल्यों का रखती है ख्याल : एच एस बेदी
इधर, इस प्रकरण पर 44वीं वाहिनी के कमांडिंग आफिसर एच एस बेदी ने बताया कि बीएसएफ के जवान सीमा पर दिन- रात बिना पलक झपकाए तैनात रहते हैं और देश की सुरक्षा के साथ ही सीमा वासियों के सुख- दुख समेत उनके धार्मिक और सामाजिक मूल्यों का भी ख्याल रखते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सीमा सुरक्षा बल गलत मंशा रखने वालों के खिलाफ है, वहीं जब बात इंसानियत व मानवीय मूल्यों की आती है तो वह सदैव तत्पर रहती है।