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India-Bangladesh Border : बीएसएफ ने बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सात बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा

India-Bangladesh International Border बीएसएफ ने बंगाल के नादिया जिले में सीमा के पास सात बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। इनमें 4 महिलाएं दो पुरुष व 1 बच्चे हैैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 05:14 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 05:22 PM (IST)
India-Bangladesh Border : बीएसएफ ने बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सात बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा
India-Bangladesh Border : बीएसएफ ने बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सात बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल के नादिया जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से सात बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। इनमें 4 महिलाएं, दो पुरुष व 1 बच्चे हैं। एक बयान में कहा गया है कि ये सातों बांग्लादेशी नागरिक मंगलवार रात गजना गांव के पास बगैर बाड़ वाली सीमा से भारत में घुसे थे। बॉर्डर आउटपोस्ट महिंद्रा में तैनात आठवीं बटालियन, बीएसएफ बीएसएफ के जवानों ने बुधवार को इन सभी को पकड़ा। पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है कि दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करने के लिये ये लोग दक्षिण भारत के शहरों में जाना चाहते थे।

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भारतीय पहचान दस्तावेज नहीं दिखा सके 

अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ को ग्रामीणों द्वारा गजना गांव के बाहरी इलाके में कुछ अज्ञात व्यक्तियों की उपस्थिति के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद कंपनी कमांडर विष्णु सिंह की अगुवाई में गांव में तलाशी अभियान चलाया गया और बुधवार दोपहर में गजना-तारकपुर मार्ग पर वाहन की प्रतीक्षा करते हुए चार महिलाएं और एक बच्चे (3 वर्ष) समेत सात लोगों को देखा। जब बीएसएफ ने उनसे उनकी पहचान पूछी और वे कोई भी वैध भारतीय पहचान दस्तावेज नहीं दिखा सके तो जवानों ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

मानव तस्करी के दलालों की ली थी मदद 

प्रारंभिक पूछताछ में इन लोगों ने खुलासा किया कि वे मंगलवार रात बिना तारबंदी वाले बॉर्डर से मानव तस्करी के दलालों की मदद से बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ की। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान सकील शेख (30), मो. राहीम (23), सुमी अख्तर (22), पारुल अख्तर (26), कोली बेगम (24), चंपा बेगम (26) के रूप में हुई है। ये सभी बांग्लादेश के अलग-अलग जिलों के निवासी है। 

मजदूरी के काम के लिए चेन्नई जा रहे थे

पूछताछ में यह पता चला है कि इनमें 2 महिलाएं मजदूरी के कार्य के सिलसिले में हैदराबाद जा रही थी और बाकी मजदूरी के काम के लिए ही चेन्नई जा रहे थे। यह भी पता चला है कि हैदराबाद जाने वाली महिलाएं पहले से ही सिकंदराबाद बस स्टैंड के पास एक घर में बतौर बच्चे संभालने बाली बाई का काम करती थी। 

कानूनी कार्रवाई को हंसखली थाने के सुपुर्द

वहीं, चेन्नई जाने वाले लोग वहां रहने वाले इलियास नामक एक शख्स से मिलने वाले थे, जिन्होंने उनके लिए वहां काम की व्यवस्था करके रखी थी। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए सभी गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों को नदिया के हंसखली थाने को सौंप दिया है। वहीं मानव तस्करी में शामिल जिन दलालों ने भारत में घुसपैठ कराने में इनकी मदद की उनके खिलाफ भी बीएसएफ की ओर से एफआआर दर्ज कराई गई है।

बीएसएफ ने ग्रामीणों का किया धन्यवाद

इधर, बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा मानव तस्करी के खिलाफ चलाए गए अभियान में यह एक बड़ी सफलता है। इससे इलाके के कई दलाल जो मानव तस्करी में लिप्त है पकड़े जाएंगे और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। बीएसएफ ने स्थानीय ग्रामीणों द्वारा दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया, जिसके कारण इन बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही उम्मीद जताई कि अगर बॉर्डर पर रहने वाले लोगों का पूरा साथ मिले तो मानव तस्करी के धंधे को रोका जा सकता है।


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