Coronavirus: सीमा पार से कोरोना फैलाने की साजिश व घुसपैठ की आशंका, बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ाई सतर्कता
Coronavirus. बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी हमने काफी बढ़ा दी है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Coronavirus. नेपाल के रास्ते बिहार में कोरोना फैलाने की साजिश के खुलासे व घुसपैठ की आशंका को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सतर्कता काफी बढ़ा दी है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी हमने काफी बढ़ा दी है। एक भी घुसपैठिए हमारी सीमा में दाखिल नहीं हो पाए इसके लिए चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी रखी जा रही है। अधिकारी ने बताया कि सीमा पर डेप्लॉयमेंट बढ़ाने के अलावा हमारे जितने भी नाइट विजन डिवाइस आदि हैं उसे भी पूरी तरह से एक्टिवेट कर दिया गया है। इसके साथ हमारी जो इंटेलिजेंस ब्रांच है उसको भी पूरी तरह अलर्ट कर दिया है और गस्ती भी काफी बढ़ा दी गई है।
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि चूंकि हमारी जिम्मेदारी का बॉर्डर इलाका सबसे चुनौतीपूर्ण है। इसलिए एक भी घुसपैठिए हमारी सीमा में दाखिल नहीं हो इसके लिए हम अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर पर बंगाल के 5 जिले- मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर व दक्षिण 24 परगना एवं नदिया से बांग्लादेश की लगने वाली करीब 913 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेवारी है, जिसमें से 44 फीसद इलाके में ही बाड़ लगा है जबकि बाकी इलाका पूरी तरह ओपन बॉर्डर है। ऐसे में इसकी सुरक्षा और भी चुनौतीपूर्ण कार्य हो जाता है। डीआइजी ने दावा किया कि हमारे अख्तियार में जो भी है वह कदम हम उठा चुके हैं।
गुलेरिया ने बताया, 'ऐसी संभावना है कि जब बांग्लादेश में कोरोना काफी फैल जाएगा तब वहां के लोग इधर भागने की कोशिश कर सकते हैं। दूसरा, जिस तरह नेपाल के रास्ते कोरोना फैलाने की साजिश का खुलासा हुआ है, ऐसे में बांग्लादेश सीमा के जरिए भी देश विरोधी तत्व इस तरह की हरकत कर सकते हैं। इसको देखते हुए देश के फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस के तौर पर हमारी (बीएसएफ) की जिम्मेदारी है कि हम किसी को भी अपनी सीमा में नहीं आने दे।' उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों पर भी हम नजर रख रहे हैं। राज्य सरकार अगर सहमत होती है तो किसानों का भी मूवमेंट हम बंद कर देंगे और जीरो लाइन की तरफ उन्हें जाने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि इस बाबत राज्य सरकार से हमारे अधिकारियों ने बात किया है और सरकार ने एक- दो दिनों का समय मांगा है।
गुलेरिया ने जोर देकर कहा कि हमारा बॉर्डर का इलाका बहुत ही संवेदनशील है। अवैध घुसपैठ पहले यहां से हुआ करती थी, लेकिन फिलहाल यह पूरी तरह से बंद है। उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर पूरी तरह तैयार हैं कि कोई भी नागरिक उधर से हमारी सीमा में घुसपैठ ना करें। हम जीरो लाइन से आगे भी बढ़ रहे हैं ताकि वे भीतर ना आ सके। उन्होंने बताया कि घुसपैठ रोकने के लिए हम सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का भी सहयोग ले रहे हैं और उन्हें लगातार जागरूक कर रहे हैं। हम उन्हें बता रहे हैं कि यदि कोई भी बांग्लादेशी इधर घुसपैठ करता है तो वह तुरंत बीएसएफ को इसकी जानकारी दें। नहीं तो आप लोग भी कोरोना के शिकार हो सकते हैं।
डीआइजी ने बताया कि हम उन लोगों को यह भी बता रहे हैं कि किसी बांग्लादेशी को वे आश्रय नहीं दें, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हमने सीमावर्ती गांवों के वालंटियर को भी सतर्क कर दिया है। अगर कोई भी संदिग्ध गतिविधि उन्हें दिखती है तो वे तुरंत बीएसएफ को सूचित करें। उन्होंने बताया कि सीमा की कड़ी निगरानी के साथ हम सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों की भी लगातार मदद कर रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए उनको सतर्क व जागरूक करने के साथ मास्क, साबून, सैनिटाइजर आदि भी दे रहे हैं। इसके अलावा जिनके पास खाने का कोई राशन आदि नहीं है उन्हें भोजन भी उपलब्ध करा रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने निगरानी बढ़ाने का दिया है निर्देश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बीएसएफ के शीर्ष अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा की समीक्षा की थी। इस दौरान गृह मंत्री ने भारत पाकिस्तान व भारत-बांग्लादेश सीमा पर खासकर ऐसे क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया जहां बाड़ नहीं लगी हुई है। सरकार का मानना है कि सीमा पार से लॉकडाउन के दौरान हरकत हो सकती है और दुश्मन कोरोना फैलाने की साजिश भी कर सकते हैं। गृह मंत्री ने बीएसएफ को सख्त निर्देश दिया है कि इन सीमाओं से किसी भी प्रकार का घुसपैठ ना हो।