Move to Jagran APP

बीएसएफ आइजी ने कहा- जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है बीएसएफ, गड़बड़ी पर किसी को बख्शा नहीं जा रहा

पिछले साल सीमा अपराधियों से संबंध रखने के संदेह में 35 बीएसएफ कर्मियों पर लगे आरोप जांच के बाद एक को सेवा से बर्खास्त किया गया सात को कड़ी सजा मिली और 17 अन्य से चल रही है पूछताछ

By PRITI JHAEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 09:14 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 09:14 AM (IST)
बीएसएफ आइजी ने कहा- जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है बीएसएफ, गड़बड़ी पर किसी को बख्शा नहीं जा रहा
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के आइजी अश्विनी कुमार सिंह।

कोलकाता, राजीव कुमार झा। बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए गो तस्करी के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने पिछले दिनों बीएसएफ के कमांडेंट सतीश कुमार को गिरफ्तार किया था। इस मामले में तस्करों से कथित सांठगांठ को लेकर कुमार के अलावा कई और बीएसएफ अधिकारी व कर्मी भी सीबीआइ के रडार पर हैं। वहीं, इस प्रकरण से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की छवि भी थोड़ी धूमिल हुई है।

loksabha election banner

इस बीच बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आइजी) अश्विनी कुमार सिंह ने कहा कि इस तरह के मामलों में बीएसएफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। सीमा अपराधियों से संबंध रखने, मिलीभगत या किसी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप सामने आने के बाद मामले की जांच कर हम बीएसएफ जवानों व अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई कर रहे हैं। सिंह ने कहा, “इस तरह के मामलों में हम थोड़ी सी भी ढिलाई नहीं बरत रहे। हमने बीएसएफ के जवानों को सीमा अपराधियों से संबंध रखने के संदेह में नहीं छोड़ा है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ ने जीरो टॉलरेंस की रणनीति अपनाई है। पिछले वर्ष 2020 के दौरान बीएसएफ के कुल 35 जवानों पर संदेहास्पद मिलीभगत के आरोप लगाए गए थे, जिसमें विभागीय जांच के बाद एक को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, सात को कड़ी सजा मिली और 17 अन्य से पूछताछ चल रही है।”

सतीश कुमार प्रकरण पर उन्होंने कहा कि गो तस्करी मामले में कुमार के रोल को लेकर संदेहजनक तथ्य मिलने के बाद ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह मामला साल 2017-18 का ही है। उसी दौरान यह मामला बीएसएफ के संज्ञान में आया था। इसके बाद विभागीय जांच शुरू की गई थी। उस समय ही कमांडेंट सतीश कुमार को दूसरी जगह पर ट्रांसफर कर दिया गया था। बताते चलें कि कमांडेंट सतीश कुमार साल 2015 से 17 तक बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत बंगाल के मालदा व मुर्शिदाबाद जिले में ही तैनात थे। उसी दौरान उन पर गो तस्करी का कथित सरगना इनामुल हक के साथ कथित रूप से संबंध रखने व बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी में उनकी मदद करने का आरोप है। सतीश कुमार इस वक्त छत्तीसगढ़ के रायपुर में तैनात थे। वहीं, गो तस्करी मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने 17 नवंबर को कुमार को पूछताछ के बाद कोलकाता से गिरफ्तार किया था। कुछ दिनों पहले ही सीबीआइ अदालत से उन्हें जमानत मिली है। इस मामले में कई और बीएसएफ अधिकारियों की भूमिका की जांच चल रही है। वहीं, गो तस्करी का कथित सरगना इनामुल हक इस समय जेल हिरासत में है।

दुनिया के सबसे कठिनतम सीमा की रखवाली करता है दक्षिण बंगाल फ्रंटियर

उल्लेखनीय है कि बीएसएफ का दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बंगाल में भारत- बांग्लादेश बॉर्डर के साथ 913.324 किलोमीटर के क्षेत्र की रखवाली करता है जिसमें 363.930 किलोमीटर लंबी नदी की सीमा और विशाल मैदान के साथ विशाल चरागाह क्षेत्र शामिल है।

बीएसएफ आइजी के अनुसार यह सीमा इलाका दुनिया के सबसे कठिनतम सीमा में से एक है। यह बहुत ही जटिल सीमा है क्योंकि आबादी सीमा के दोनों ओर एकदम निकटता में रहती है और इसमें समान जातीय और सांस्कृतिक समानताएं हैं जो इसे संवेदनशील बनाती हैं।साथ ही इसके करीब आधे बॉर्डर क्षेत्र में अब तक फेंसिंग नहीं है, जो सीमा की रखवाली करने वाले प्रहरियों के लिए एक गंभीर चुनौती हैं।

हालांकि तमाम चुनौतियों के बावजूद दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने अपने क्षेत्र में तस्करी व घुसपैठ की गतिविधियों पर पूरी तरह नकेल कस दिया है। इसी का परिणाम है कि पिछले साल इस बॉर्डर क्षेत्र में मवेशियों व जाली नोटों की तस्करी में अब तक की सर्वाधिक कमी दर्ज की गई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.