बंगबंधु की 100वीं जयंती पर आज से शुरू होगी बीएसएफ की ऐतिहासिक 'मैत्री साइकिल रैली', बॉर्डर इलाके से गुजरेगी यह रैली
बंगबंधु की 100वीं जयंती पर आज से शुरू होगी बीएसएफ की ऐतिहासिक मैत्री साइकिल रैली। 13 साइकिलिस्ट रैली में लेंगे हिस्सा बीएसएफ की विभिन्न सीमा चौकियों से होते हुए बांग्लादेश की सीमा से लगने वाले पूर्वोत्तर के राज्यों तक जाएंगे।
कोलकाता, राजीव कुमार झा। भारत और बांग्लादेश के बीच दशकों से बेहद ही दोस्ताना संबंध हैं। बांग्लादेश अपने देश के संस्थापक व राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती के अवसर पर साल 2020- 21 को 'मुजीब वर्ष' के रूप में मना रहा है।
भारत में भी बंगबंधु की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन्हीं कार्यक्रमों की श्रृंखला में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) बंगबंधु की 100वीं जयंती समारोह 'मुजीब वर्ष' के उपलक्ष्य में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए ऐतिहासिक 'मैत्री साइकिल रैली' का आयोजन करने जा रही है। आज 10 जनवरी (रविवार) को यह साइकिल रैली बंगाल के सीमावर्ती उत्तर 24 परगना जिले में बीएसएफ की सीमा चौकी पानीतार (मेन पिलर-1), 153वीं बटालियन से शुरू होगी और 17 मार्च 2021 तक चलेगी।
इस रैली में 13 साइकिलिस्ट हिस्सा लेंगे और यह साइकिल रैली 66 दिनों की यात्रा करते हुए 4,097 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश बॉर्डर इलाके से छह सीमावर्ती राज्यों बंगाल, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय तथा मिजोरम से गुजरेगी। 17 मार्च 2021 को बॉर्डर आउट पोस्ट सिल्कोर, 60वीं बटालियन, मिजोरम सीमा पर इस साइकिल रैली का समापन होगा।दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि रविवार को देश के पूर्व सेना प्रमुख जनरल शंकर राय चौधरी द्वारा सीमा चौकी पानीतार से सुबह 11:00 बजे गणमान्य व्यक्तियों जिसमें सीमा सुरक्षा बल एवं बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के वरिष्ठ अधिकारियों तथा स्थानीय लोगों की उपस्थिति में इस मैत्री साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाई जाएगी।
प्रत्येक दिन 90 से 100 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे साइकिल दल
गुलेरिया ने बताया कि रैली के दौरान इसमें शामिल साइकिल सवारों का दल प्रत्येक दिन 90 से 100 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ लगे सीमा चौकियों पर रात गुजारेंगे।रास्ते में विभिन्न सीमा चौकियों पर बीएसएफ द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें स्थानीय सरकारी अधिकारियों तथा बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों को आमंत्रित किया जाएगा, जो कि साइकिल सवारों का उत्साहवर्धन करेंगे।
साइकिल रैली के दौरान इसमें शामिल सदस्य रास्ते में जगह-जगह पर सीमावर्ती गांवों के लोगों को जागरूक भी करेंगे और दोनों देशों की सुरक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताएंगे। रैली शुरू होने के अगले दिन 11 जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पेट्रापोल में इस साइकिल रैली के स्वागत में भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसमें एस राधाकृष्णन, आइपीएस, एडीजी (पुलिस) सेवानिवृत्त मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में बीएसएफ के पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक आइपीएस पंकज कुमार सिंह सहित बीएसएफ व बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के वरिष्ठ अधिकारी तथा स्थानीय लोग शामिल होंगे।
साइकिल रैली का उद्देश्य
बीएसएफ डीआइजी गुलेरिया ने बताया कि इस साइकिल रैली का उद्देश्य भारत- बांग्लादेश सीमा पर रहने वाले लोगों में सुरक्षा पैदा करना, सीमा सुरक्षा बल तथा बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश में मित्रता बढ़ाना, सीमा पर अपराधों को रोकने के लिए बॉर्डर पर रहने वाले लोगों को जागरूक करना, नशाखोरी को रोकने हेतु लोगों में जागरूकता पैदा करना तथा पशु तस्करी को रोकने हेतु लोगों को जागरूक करना हैं। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल पूरे प्रयासों के साथ इस मैत्री साइकिल रैली को सफल करने हेतु कृत संकल्प हैं।
भारत-बांग्लादेश के सीमा रक्षकों के बीच हैं बेहद सौहार्दपूर्ण संबंध
गुलेरिया ने बताया कि भारत और बांग्लादेश के दोनों सीमा रक्षक बलों के बीच संबंध बेहद सौहार्दपूर्ण हैं और ये दोनों बल द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अपने सर्वोत्तम प्रयासों को लगा रहे हैं। बीएसएफ और बीजीबी के बीच इस आपसी समझ और सहयोग ने सीमा पर शांति बनाए रखने के अलावा सीमा से जुड़े कई मुद्दों को हल करने में मदद की है। उन्होंने बताया कि सद्भावना के संकेत के रूप में और मानवीय आधार पर बीएसएफ ने पिछले साल अवैध रूप से गलती से सीमा पार करते पकड़े गए कुल 55 बांग्लादेशी नागरिकों को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को वापस सौंप दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मैत्री साइकिल रैली से दोनों देशों व सीमा रक्षकों के बीच के संबंध और प्रगाढ़ होंगे।