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बीएसएफ ने बांग्लादेशी महिला को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया

जवानों ने एक बांग्लादेशी महिला को उस समय हिरासत मे लिया जब उन्हें सीमा चौकी तराली उत्तर 24 परगना क्षेत्र से मानव तस्करों द्वारा अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करा कर भारत में भेज जा रहा था।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 08:51 AM (IST)
बीएसएफ ने बांग्लादेशी महिला को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया
बीएसएफ ने बांग्लादेशी महिला को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने एक बांग्लादेशी महिला को उस समय हिरासत मे लिया जब उन्हें सीमा चौकी तराली, उत्तर 24 परगना क्षेत्र से मानव तस्करों द्वारा अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करा कर भारत में भेज जा रहा था। इस तरह बीएसएफ ने बांग्लादेशी महिला को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त करा कर उसका जीवन तबाह होने से बचा दिया।

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बीएसएफ द्वारा जारी बयान में बताया गया कि सात अप्रैल को बल की सीमा चौकी तराली, 112 वाहिनी, सेक्टर कोलकाता के जवान दैनिक पेट्रोलिंग पर थे। शाम के समय में पेट्रोलिंग पार्टी को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास कुछ संदिग्ध लोगों की हरकत दिखाई दी। जब पेट्रोलिंग पार्टी नजदीक पहुंची तो देखा की कुछ लोग बांग्लादेश की तरफ से भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे है। जिनके साथ एक महिला भी हैं।

सीमा सुरक्षा बल के जवानों को अपनी ओर आता देख, तस्कर (दलाल) महिला को मौके पर ही छोड़ कर बांग्लादेश की तरफ भाग निकला। जवानों द्वारा महिला को हिरासत में ले लिया गया तथा इन्हें सम्मान पूर्वक सीमा चौकी तराली में पूछताछ के लिए लाया गया।प्रारंभिक पूछताछ के दौरान महिला ने अपनी पहचान रेशमा अख्तर (काल्पनिक नाम, उम्र -30 वर्ष), जिला- यशोर, (बांग्लादेश) के रूप मे बताया।

महिला ने खुलासा किया कि छह साल पहले वह अपनी सहेली पूजा (बांग्लादेशी नागरिक जो मुंबई में रहती है) के साथ भारत में अवैध रूप से एक बांग्लादेशी दलाल (बाबू) की मदद से अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा पार करके आई थी। जिसके लिए बाबू को 2000 बांग्लादेशी टका का भुगतान किया था। उसके बाद उसे मुंबई में अच्छी सैलेरी वाली नौकरी के बारे में पता चला। वह मुंबई चली गई और अंधेरी मुंबई में शिल्पा होटल में मज़बूरी में वेश्या के रूप में काम किया। उसने आगे खुलासा किया कि एक साल पहले साहिदुल (भारतीय दलाल), ग्राम-हकीमपुर, पोस्ट - भिटारी ,थाना - स्वरूपनगर, जिला-उत्तर 24 परगना (पश्चिम बंगाल ) की सहायता से अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा को पार करके बांग्लादेश चली गई थी, जिसके लिए साहिदुल को 7000 रुपये का भुगतान किया गया था। आज फिर से वह साहिदुल की सहायता से अपनी घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा पार करके भारत में आने की कोशिश कर रही थी। बीएसएफ की ड्यूटी लाइन पार करने के दौरान सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हे हिरासत में ले लिया। तस्करों से बचाई महिला को पुलिस स्टेशन स्वरूप नगर में कानूनी कार्यवाह के लिए सौंप दिया गया है।

बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की प्रशंसा की

112वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर अरुण दहिया ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हो रहे ऐसे घिनौने अपराध की कड़ी निंदा करते हुए बताया कि अक्सर दलाल भोली-भाली बांग्लादेशी लड़कियों को ज्यादा पैसों का लालच देकर उन्हें देह व्यापार की दलदल में धकेल इनके भविष्य से खिलवाड़ करते हैं। बांग्लादेशी लड़कियां इन कुख्यात तस्करों के जाल में फंस जाती है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक्टिव किया हुआ है जो लगातार लड़कियों को तस्करों के चंगुल से आजाद कराने में लगी हुई है। 


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