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मानव तस्करी पर अंकुश, चार माह में बीएसएफ ने 20 महिलाओं को कराया मुक्त, 19 दलाल भी पकड़े

ज्यादातर मामलों में यह देखने में आया है कि मानव तस्करी के गिरोह में शामिल दलालों द्वारा भोली-भाली गरीब महिलाओं को ब्यूटी पार्लर वार डांसर जिम में हेल्पर मसाज पार्लर वेटर का काम घर में नौकरानी के काम का झांसा देकर सीमा पार करा कर यहां लाया जाता है

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 10:18 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 10:18 PM (IST)
मानव तस्करी पर अंकुश, चार माह में बीएसएफ ने 20 महिलाओं को कराया मुक्त, 19 दलाल भी पकड़े
कुछ माह पहले पहली बार बीएसएफ द्वारा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिटें संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई है।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मानव तस्करी जैसे घिनौने अपराध के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए इस पर पूरी तरह शिकंजा कस दिया है। दक्षिण बंगाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात की गई एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिटों ने अपनी भूमिका का कारगर तरीके से निर्वहन करते हुए चालू वर्ष 2021 में अभी तक बीते चार महीने के दौरान मानव तस्करी की 18 कोशिशों (मामलों) को विफल करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान में बताया कि टीम ने इन 18 मामलों में कुल 20 बांग्लादेशी महिलाओं को मानव तस्करी के अवैध धंधे में फंसने से बचाया है। साथ ही इस दौरान उनके साथ 19 मानव तस्कर दलालों को भी गिरफ्तार किया है, जो इन महिलाओं को अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा आर- पार करने की कोशिश कर रहे थे। तस्करों से मुक्त कराई गई महिलाओं में चार नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं, जिनका जीवन तबाह होने से बीएसएफ ने बचा लिया। 

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काम का झांसा देकर गैर कानूनी तरीके से सीमा पार कराकर यहां लाया जाता है 

बीएसएफ अधिकारी के अनुसार, ज्यादातर मामलों में यह देखने में आया है कि मानव तस्करी के गिरोह में शामिल दलालों द्वारा भोली-भाली गरीब महिलाओं को भारत में अच्छी नौकरी जैसे ब्यूटी पार्लर, वार डांसर, जिम में हेल्पर, मसाज पार्लर, वेटर का काम, घर में नौकरानी इत्यादि के काम का झांसा देकर अवैध तरीके से सीमा पार करा कर यहां लाया जाता है और फिर बड़े शहरों में इनको देह व्यापार के अमानवीय धंधे में झोंक दिया जाता है। 

मानवता को शर्मसार करने वाले घिनौने अपराध को खत्म करने में करना होगा सहयोग 

दलाल उनका फायदा उठाते हैं।एक बार इस दलदल में फंसने के बाद इनका पूरा जीवन तबाह हो जाता है। गुलेरिया ने कहा कि सीमा पर मानव तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ इन दिनों बेहद कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सभी एनजीओ, पुलिस स्टेशनों, सरकारी एजेंसियों तथा मानव तस्करी के विरूद्ध कार्यवाही में काम कर रही संस्थाओं से आग्रह किया है कि वह सभी साथ मिलकर इस प्रकार के मानवता को शर्मसार करने वाले घिनौने अपराध को खत्म करने में सहयोग करें। इस कार्य में स्थानीय गैर सरकारी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही हैं।

मानव तस्करी गिरोह की कमर तोड़ने के लिए बेहद कड़ाई से निपट रही है बीएसएफ

गुलेरिया ने बताया कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक अश्वनी कुमार सिंह के नेतृत्व में 913 किलोमीटर लंबी दक्षिण बंगाल बार्डर पर तैनात बीएसएफ की सभी बटालियनों को मानव तस्करी में लिप्त सभी गिरोहों को पकड़ कर कानून के हवाले करके सलाखों के पीछे पहुंचाने को पहले ही कहा गया है। उन्होंने कहा कि मानव जाति व एक सभ्य समाज के लिए अभिशाप बन चुके मानव तस्करी में शामिल गिरोह की कमर तोड़ने के लिए बीएसएफ बेहद कड़ाई से निपट रही है। 

बीएसएफ की महिला कार्मिक तथा जवानों को उत्कृष्ट क्षमता पर किया गया शामिल

क्या है एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट : गौरतलब है कि मानव तस्करी को पूरी तरह से रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर कुछ माह पहले पहली बार बीएसएफ की ओर से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिटें संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई है। इसमें सबसे ज्यादा सात एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट दक्षिण बंगाल बॉर्डर पर तैनात की गई है। इस बॉर्डर से बंगाल के पांच जिले उत्तर व दक्षिण 24 परगना, नदिया, मालदा व मुर्शिदाबाद जिले की सीमाएं लगती है, जो तस्करी के लिए कुख्यात है। इसे दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने 15 जनवरी, 2021 को सीमावर्ती इलाकों में तैनात किया था। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में बीएसएफ की महिला कार्मिक तथा जवानों को उनकी उत्कृष्ट क्षमता के आधार पर शामिल किया गया है जिससे कि वह मानव तस्करी से पीड़ित महिलाओं की पहचान आसानी से कर सकें।


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