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बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से दुर्लभ प्रजाति की 14 टोके गेको छिपकली जब्त की, 7 करोड़ है कीमत

बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 14 टोके गेको छिपकली को जब्त किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस छिपकली की है काफी डिमांड कई प्रकार की बनाई जाती है दवा।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 04:19 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 04:19 PM (IST)
बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से दुर्लभ प्रजाति की 14 टोके गेको छिपकली जब्त की, 7 करोड़ है कीमत
बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से दुर्लभ प्रजाति की 14 टोके गेको छिपकली जब्त की, 7 करोड़ है कीमत

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति की 14 टोके गेको छिपकली को जब्त किया है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से बुधवार को जारी बयान में बताया गया कि जब्त छिपकलियों कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 7 करोड़ रुपये है। ये सभी छिपकलियां बांग्लादेश से भारत में बीएसएफ के पारगुमटी सीमा चौकी क्षेत्र से होकर तस्करी करके लाई जा रही थीं। एक खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए बीएसएफ की 27वीं बटालियन के जवानों ने मंगलवार देर शाम इसे जब्त किया। 

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तस्कर अंधेरे और घने जंगल का फायदा उठाकर भाग गया

अधिकारियों ने बताया कि सीमा चौकी पारगुमटी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास जवानों ने शाम में विशेष निगरानी शुरू की। इस दौरान गश्ती दल ने एक संदिग्ध व्यक्ति की हरकत को देखा जो कलन्दी नदी को पार कर बांग्लादेश से भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर रहा था। जब जवानों ने उसे चुनौती दी, तो तस्कर अंधेरे और घने जंगल का फायदा उठाकर भाग गया। मौके से लोहे का एक जाल मिला जिसके अंदर से दुर्लभ प्रजाति के 14 टोके गेको छिपकली पाया गया। बीएसएफ ने जब्त छिपकिलियों को वन्यजीव प्राधिकरण को सौंप दिया गया। 

टोके गेको छिपकली से कई प्रकार की बनाई जाती है दवा

अधिकारियों ने बताया कि टोके गेको छिपकली एक दुर्लभ और लुप्त प्रजाति की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। भारत के रास्ते दक्षिण- पूर्व एशियाई देशों में इसकी अवैध तस्करी की जाती है। यह छिपकली मुख्यतः इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती है। इस छिपकली का उपयोग मर्दानगी बढ़ाने वाली दवा के अलावा डायबिटीज, एड्स और कैंसर आदि की दवा बनाने में किया जाता है। इन दुर्लभ प्रजाति के जीवों को रखना या इनका व्यापार करना भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधान 4 के अंतर्गत प्रतिबंधित है। 

27वीं वाहिनी के कमांडिंग ऑफिसर ने बड़ी सफलता बताया

इधर, 27वीं वाहिनी, बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर जसवीर सिंह ने कहा कि यह जब्ती केवल ड्यूटी पर जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है।


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