West Bengal : बीएसएफ ने अंतररराष्ट्रीय सीमा पर नौ लाख की बांग्लादेशी मुद्रा के साथ दो तस्करों को पकड़ा
सीमावर्ती उत्तर 24 परगना जिले से बांग्लादेश में की जा रही तस्करी को जवानों ने किया नाकाम। बीएसएफ ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में तस्करी को नाकाम करते हुए नौ लाख रुपये मूल्य की बांग्लादेशी मुद्रा के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में तस्करी को नाकाम करते हुए नौ लाख रुपये मूल्य की बांग्लादेशी मुद्रा के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सीमा पार अपराधों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान रविवार को दोनों तस्करों को उस वक्त पकड़ा गया जब बांग्लादेशी मुद्रा की उत्तर 24 परगना के गोझाडांगा सीमा चौकी क्षेत्र से बांग्लादेश में तस्करी की जा रही था।
बयान के मुताबिक, बीएसएफ के खुफिया विभाग द्वारा भारत से पड़ोसी देश में बांग्लादेशी मुद्रा की तस्करी के बारे में विशेष जानकारी मिलने पर बीओपी गोझाडांगा, 153वीं बटालियन के जवानों ने आइसीपी गोझाडांगा में एक विशेष तलाशी अभियान चलाया। शाम लगभग 5:25 बजे आइसीपी गोझाडांगा चेक पोस्ट पार्टी ने मोटरसाइकिल पर दो संदिग्ध व्यक्ति को देखा, जो ग्राम इटिंडा (काल बारी) की तरफ से आ रहे थे और बीएसएफ चेक पोस्ट को पार करने की कोशिश कर रहे थे। जवानों ने मोटरसाइकिल को चेकिंग के उद्देश्य से रोका। तलाशी के दौरान दोनों व्यक्ति शर्ट के नीचे अपनी बेल्ट लाइन पर बांग्लादेशी मुद्रा को छुपाए हुए पाए गए।
पकड़े गए तस्करों के नाम सरिकुल गाजी (35) और खंजन मंडल (30) है। दोनों उत्तर 24 परगना के बसीरहाट थाना अंतर्गत गोझाडांगा गांव का ही रहने वाला है। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों तस्करों ने बताया कि इटिन्डा मार्केट में रहने वाले कसद अली मंडल ने उन्हें यह बांग्लादेशी मुद्रा की खेप दिया था, जिसे बांग्लादेश में फारुख गाजी जिला- सतखीरा को देना था। इस काम के लिए दोनों को 900 रुपये मिलना था।
बीएसएफ में आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दोनों तस्करों को बांग्लादेश मुद्रा के साथ बसीरहाट थाने को सौंप दिया है। इधर,153वीं वाहिनी के कमांडिंग ऑफिसर जेएस नेगी ने अपने जवानों की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की, जिसके परिणामस्वरूप दो भारतीय तस्करों को बांग्लादेशी मुद्रा के साथ गिरफ्तार किया जा सका। उन्होंने कहा कि यह केवल उनके जवानों द्वारा ड्यूटी पर प्रदर्शित की गई सतर्कता के कारण ही संभव हो सकता है।