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West Bengal : बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से 8 मवेशियों के साथ दो तस्करों को पकड़ा

बांग्लादेश सीमा के पास बीएसएफ ने तस्करी को नाकाम करते हुए अलग-अलग घटनाओं में 8 मवेशियों के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 08:58 AM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 08:58 AM (IST)
West Bengal : बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से 8 मवेशियों के साथ दो तस्करों को पकड़ा
West Bengal : बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से 8 मवेशियों के साथ दो तस्करों को पकड़ा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते हुए अलग-अलग घटनाओं में 8 मवेशियों के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। मवेशियों की बांग्लादेश में तस्करी की कोशिश की जा रही थी। पकड़े गए तस्करों में एक बांग्लादेशी है।

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अधिकारियों ने बताया कि इनमें सीमा चौकी, निमतिता, 78वीं बटालियन, जिला- मालदा के सीमावर्ती इलाके से जवानों ने गंगा नदी से एक बांग्लादेशी तस्कर को उस वक्त दबोचा जब वह तैर कर 4 मवेशियों की तस्करी कर बांग्लादेश ले जाने का प्रयास कर रहा था। दूसरी घटना 78वीं बटालियन के जिम्मेवारी के इलाके में ही मुर्शिदाबाद के धुलियान से लगे गंगा नदी के घाटों पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने रात के समय एक विशेष अभियान चलाकर एक भारतीय पशु तस्कर को 4 मवेशियों के साथ गिरफ्तार किया।

गंगा नदी से होकर मवेशियों को ले जाया जा रहा था बांग्लादेश

एक बयान में बताया गया कि 26/27 अगस्त की मध्य रात लगभग 2:45 बजे गंगा नदी के किनारे फुलतला घाट पर तैनात सीमा प्रहरीयों ने नदी के बीचों-बीच पशु तस्करों की संदिग्ध हरकत देखी। तुरंत कार्रवाई करते हुए जवानों ने रेडियो सेट के माध्यम से अपने साथियों को यह सूचना दी, जो अपनी स्पीड बोट में घात लगाकर नदी में भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात थे। त्वरित कार्यवाही करते हुए बताए हुए स्थान पर पहुंच कर जवानों ने बाढ़ के पानी से लबालब भरे गंगा नदी में एक तस्कर को देखा जो पानी में तैर कर भागने की कोशिश कर रहा था। उसका पीछा करते हुए उसे 4 मवेशियों सहित पकड़ लिया। उन सभी को नदी के किनारे लाया गया और इस तरह सीमा प्रहरीयों ने 4 मवेशियों की तस्करी होने से रोक लिया।

सीमा पार करने पर प्रत्येक जोड़ी मवेशी का 30,000 बांग्लादेशी टका मिलता

पकड़े गए तस्कर ने पूछताछ में अपना नाम- अनवर शेख, गांव-साहापाड़ा, थाना- शिवगंज, जिला- चपाईनावबगंज (बांग्लादेश) का रहने वाला बताया। उसने यह भी बताया कि वह बांग्लादेश के एक बड़े तस्कर सद्दाम शेख, जिला -चपाईनावबगंज (बांग्लादेश) के लिए काम करता है। उसे फुलतला, धुलियान इलाके के एक भारतीय पशु तस्कर, नाम - नासिर शेख द्वारा मवेशी दिए गए थे, जिसे उसे बांग्लादेश के पशु तस्कर सद्दाम शेख को सौंपना था। इसके लिये उसे सद्दाम शेख द्वारा प्रत्येक जोड़ी मवेशी का 30,000 बांग्लादेशी टका मिलता परन्तु वह पकड़ा गया। एक अन्य घटना में जवानों ने धुलियान के नदी घाट के इलाके में देर रात विशेष तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान बीएसएफ पार्टी ने धुलियान इलाके के 'सिरोघाट' के इलाके में कुछ तस्करों की संदिग्ध गतिविधि को देखा, जो पशु तस्करी के इरादे से घाट के इलाके में घूम रहे थे।

बीएसएफ पार्टी को देखकर वे भागने लगे। तस्करों का पीछा करते हुए बीएसएफ पार्टी बासुदेवपुर के इलाके में गई जहां उन्होंने नदी किनारे एक अन्य पशु तस्कर को 4 मवेशियों के साथ पकड़ा, जो नदी के रास्ते उन पशुओं की तस्करी करने की फिराक में था। पकड़े गये तस्कर का नाम खालिक़ शेख है। वह मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज थाना अंतर्गत दुर्गापुर, निमतीता गांव का रहने वाला है। गिरफ्तार तस्कर के अनुसार उसे बासुदेवपुर, धुलियान इलाके के अपने एक साथी भारतीय पशु तस्कर रजाब शेख से प्राप्त 4 मवेशियों को नदी में डालना था, जिसके लिये उसे प्रत्येक मवेशी पर 500 रुपये रजाब से मिलता। इससे कुछ दिन पहले भी उसने रजाब शेख के कहने पर रात में ख़राब मौसम का फायदा उठाकर 3 मवेशियों को नदी में डाला था, जो नदी के बहाव के साथ बांग्लादेश की ओर जा रहे थे। परंतु बीएसएफ जवानों की सतर्कता के कारण उनमें से 2 मवेशियों को पकड़ लिया गया था।बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पकड़े गए तस्करों को शमशेरगंज थाने को सौंप दिया है।

बीएसएफ कमांडेंट ने अपने जवानों की थपथपाई पीठ

इधर, 78वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर वीके सिंह ने इस सफलता पर अपने जवानों की पीठ थपथपाई और कहा कि उनके जवान अपनी बटालियन के जिम्मेवारी के इलाके से किसी भी तरह की तस्करी को रोकने के लिए कृत संकल्पित हैं।

इस साल अब तक 3,422 मवेशियों को तस्करी से बचाया

गौरतलब है कि चालू वर्ष 2020 के दौरान दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ जवानों ने 3,422 मवेशियों को तस्करों के चंगुल से बचाया है, जब उन्हें अवैध रूप से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर बांग्लादेश में तस्करी करने का प्रयास किया जा रहा था। 


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