राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने एक बार फिर सद्भावना का परिचय देते हुए बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा को अवैध रूप से पार करते पकड़े गए सात बांग्लादेशी नागरिकों को बिना कोई कार्रवाई के वापस पड़ोसी देश के सीमा रक्षक बल को लौटा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि सातों बांग्लादेशियों को नदिया व उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से 20/21 मई की रात में आठवीं वाहिनी और 68 वाहिनी के जवानों ने अपने इलाके से पकड़ा था।
बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान मरयम शेख (50), मोहम्मद अख्तर रहमान (21), काजोल अख्तर (30), बन्नू बेगम (27) और उसकी बहन नूपुर बेगम (22), रोजिना खातून (27) और चाइना खातून (22) के रूप में हुई। ये सभी बांगलादेश के विभिन्न जिले के रहने वाले थे। इनमें पांच महिलाएं व दो युवक शामिल थे। बीएसएफ की पूछताछ में सभी ने बताया कि उनकी माली हालत बहुत खराब होने के चलते वे लोग रोजी-रोटी की तलाश में भारत आ रहे थे। सभी ने सीमा पार करने के लिए दलाल को 5- 10 हजार बांग्लादेशी टका भी दिया था।
वहीं, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने एक बार फिर सद्भावना का परिचय देते हुए बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा को अवैध रूप से पार करते पकड़े गए सात बांग्लादेशी नागरिकों को बिना कोई कार्रवाई के वापस पड़ोसी देश के सीमा रक्षक बल को लौटा दिया है। बीएसएफ ने सभी बांग्लादेशी नागरिकों के दिए बयान व उनकी पृष्ठभूमि की जांच पड़ताल के बाद मानवता व सद्भावना के आधार पर उन्हें बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दिया। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी व वरिष्ठ डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है, जिसके चलते लोग पकड़े जा रहे हैं। पकड़े गए लोगों के अपराध की गंभीरता को देखते हुए और दोनों देशों के बार्डर गार्डिंग फोर्स के बीच आपसी सहयोग और सद्भवाना को बनाये रखने के लिए उनको बार्डर गार्ड बांग्लादेश को वापस सौंप दिया जाता है।
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