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सीएए के लाभों पर लिखी गई 6000 से अधिक पुस्तिकाएं बिकीं

जागरण संवाददाता कोलकाता अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) क

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 01:31 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 01:31 PM (IST)
सीएए के लाभों पर लिखी गई 6000 से अधिक पुस्तिकाएं बिकीं
सीएए के लाभों पर लिखी गई 6000 से अधिक पुस्तिकाएं बिकीं

जागरण संवाददाता, कोलकाता : अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के स्टाल (स्टाल नं. 370) पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के लाभों पर लिखी गई पुस्तिकाओं की 6000 से अधिक प्रतियां बेची गई। स्टाल लगाने वाले व्यक्ति ने बताया कि शनिवार तक यह बिक्री हुई। इस पुस्तिका में कहा गया है कि अफगानिस्तान, बाग्लादेश और पाकिस्तान से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। विहिप के स्टाल पर अयोध्या में राम मंदिर एवं जम्मू व कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने की जरूरत पर आधारित शीर्षकों के संग्रह भी रखे गए थे। बताया गया कि इन दोनों पुस्तकों की भी उच्च मांग थी।

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स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) के स्टाल पर प्रस्तावित एनआरसी तथा सीएए पर पुस्तिकाओं की 800 प्रतिया बिकी। स्टाल लगाने वाले की तरफ से बताया गया कि पुस्तक मेले के 10वें दिन तक इतनी संख्या में ये पुस्तकें बेची गई। स्टाल पर 'नो सीएए' लिखे टी-शर्ट भी बेचे गए।

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सीएए के खिलाफ ममता की पुस्तक भी बिकी

-अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लिखी गई पुस्तक भी बिकी। उनके प्रकाशक के अनुसार पुस्तक के लोकार्पण के छह दिन बाद पुस्तकें बिक गई। बताया गया कि सीएए एवं प्रस्तावित एनआरसी के विरोध तथा समर्थन में अन्य लेखकों द्वारा लिखी गई पुस्तकों की भी 12 दिवसीय पुस्तक मेले में अच्छी-खासी मांग थी।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लिखित 'नागरिकता आतंको' (नागरिकता का डर) की 1,000 प्रतिया बिकी। इसे 4 फरवरी को लाच किया गया था। प्रकाशक की तरफ से अपू दे ने बताया कि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपनी इस पुस्तक में 'बर्बर' के बारे में लिखा है जिसने भारत के राजनीति-अर्थव्यवस्था-समाज हर जगह को जकड़ लिया है। यह पुस्तक तृणमूल काग्रेस के स्टाल पर बेची गई।


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