पश्चिम बंगाल के मुसलमानों पर भाजपा का खास ध्यान
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा तैयारियों में जुट गई है। इस बार पश्चिम बंगाल पर पार्टी का खास ध्यान है। प्रदेश नेतृत्व हर वर्ग का वोट पाने की जुगत में है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा तैयारियों में जुट गई है। इस बार पश्चिम बंगाल पर पार्टी का खास ध्यान है। प्रदेश नेतृत्व हर वर्ग का वोट पाने की जुगत में है। पार्टी ने बंगाल के मुसलमानों को लुभाने के लिए विशेष योजना बनाई है। भाजपा नेताओं के अनुसार इस बार पार्टी मुसलमानों को बड़ी संख्या में टिकट देने जा रही है।
मुस्लिम समुदाय का समर्थन पाने के लिए भाजपा हिन्दूवादी राजनीति से हटकर बंगाल में ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देगी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को टक्कर देने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इस राज्य में कई लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुसलमान मतदाता किसी पार्टी की हार-जीत तय करते हैं। अत: भाजपा मुसलमानों की उपेक्षा नहीं करना चाहती है। पार्टी नेताओं का मानना है कि राज्य में मुसलमाों की बड़ी जनसंख्या है और इसे पूरी तरह से नजरअंदाज करना या विरोधी बनाना चुनाव में संकट पैदा कर सकता है।
हाल के चुनाव परिणाम पर नजर दिया जाए तो मालूम होता है कि मुसलमान भी भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। राज्य में जिन जगहों पर मुस्लिम आबादी ज्यादा है, वहां भाजपा मजबूत हो रही है। भाजपा ने अब मुस्लिमों को चुनाव में लाने का फैसला किया है।
बताया जाता है कि इस राज्य में मुस्लिम आबादी लगभग 27 फीसद है। ऐसे में पार्टी को आशंका है कि ये आबादी यदि एकजुट होकर उसके खिलाफ गई तो राज्य में जगह बनाना मुश्किल होगा। बंगाल में पहले भी भाजपा के कार्यकर्ताओं में मुसलमान रहे हैं। 2014 के चुनाव में हुई हिंसा में मुस्लिम भाजपा कार्यकर्ता की मौत भी हुई थी लेकिन बड़े मुस्लिम चेहरे पार्टी के पास नहीं हैं। इस बार भाजपा राज्य में बड़े मुस्लिम चेहरों की तलाश में है। पार्टी मुशिर्दाबाद, उत्तर बंगाल एवं दक्षिण दिनाजपुर जैसे जिलों में मुस्लिमों का समर्थन पाने की कोशिश में है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि अब बंगाल में लोग भाजपा को तृणमूल के विकल्प के रूप में देख रहे हैं। पार्टी मुसलमानों के खिलाफ कभी नहीं रही। पार्टी उन लोगों के खिलाफ है जो बाहरी सीमाओं से आकर हमारी भूमि में घुसपैठ कर रहे हैं। पिछले पंचायत चुनाव में भाजपा ने लगभग 800 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।