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हाईकोर्ट के हस्‍तक्षेप के बाद भाजपा ने कोलकाता में लगाया रक्‍तदान शिविर, पुलिस ने नहीं दी थी इजाजत

कोरोना संकट काल में जहां ब्लड बैंक व विभिन्न अस्पताल रक्त की भारी कमी से जूझ रहे हैं वहीं बंगाल में रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए भाजपा को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। आखिरकार हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कोलकाता में शुक्रवार को रक्तदान शिविर आयोजित किया गया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 05:03 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 05:03 PM (IST)
हाईकोर्ट के हस्‍तक्षेप के बाद भाजपा ने कोलकाता में लगाया रक्‍तदान शिविर, पुलिस ने नहीं दी थी इजाजत
बंगाल में रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए भाजपा को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। पुलिस ने अनुमति नहीं दी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: कोरोना संकट काल में जहां ब्लड बैंक व विभिन्न अस्पताल रक्त की भारी कमी से जूझ रहे हैं, वहीं बंगाल में रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए भाजपा को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। आखिरकार कलकत्ता हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कोलकाता के बड़ाबाजार के वार्ड 45 में शुक्रवार को रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। 

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एक दिन पहले 15 सितंबर की रात को कोलकाता पुलिस ने शिविर के लिए बनाए गए पंडाल को हटा दिया

वादी के वकील अजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि भाजपा द्वारा यह रक्तदान शिविर, मास्क और सैनिटाइजर वितरण का कार्यक्रम 16 सितंबर को ही आयोजित किया जाना था। इसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली गई थी। लेकिन उससे एक दिन पहले 15 सितंबर की रात को कोलकाता पुलिस ने शिविर के लिए बनाए गए पंडाल को हटा दिया और सभी सामान और पार्टी के झंडे आदि लेकर चले गए। 

भाजपा को सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण रक्तदान शिविर लगाने की पुलिस ने अनुमति नहीं दी

वे लोग पुलिस के पास गए और काफी अनुरोध किया लेकिन पुलिस ने रक्तदान शिविर की अनुमति नहीं दी। उसके बाद स्थानीय भाजपा नेता भोला प्रसाद सोनकर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पहले भी यहां कई कार्यक्रम हुए हैं। भाजपा को सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण यहां रक्तदान शिविर लगाने की पुलिस ने अनुमति नहीं दी है। 

आशंका है कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा होगा और कोविड-19 के बढ़ने का खतरा रहेगा

वहीं, राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील अमितेश बनर्जी ने अदालत को बताया कि उन्हें कोरोना की स्थिति के कारण पुलिस द्वारा रक्तदान शिविर की अनुमति नहीं दी गई है, क्योंकि आशंका है कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा होगा और शारीरिक दूरी का पालन नहीं होने से कोविड-19 के बढ़ने का खतरा रहेगा। सरकारी वकील की इस दलील पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि क्या कोलकाता शहर में शारीरिक दूरी का पालन किया जा रहा है? 

रक्तदान शिविर जैसे कार्यक्रमों को रोका नहीं जा सकता, शारीरिक दूरी नियमों का पालन करने की अनुमति

कोर्ट ने कहा कि वर्तमान स्थिति में जहां पूरे राज्य में रक्त का संकट चल रहा है और वादी रक्त के इस संकट को कम करने के लिए सामाजिक कार्य करना चाहते हैं। इस स्थिति में रक्तदान शिविर जैसे कार्यक्रमों को रोका नहीं जा सकता है। कोर्ट ने शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए शिविर के आयोजन की अनुमति दी, जिसके बाद शुक्रवार को इसका आयोजन किया गया।


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