Move to Jagran APP

भाजपा सांसद ने तृणमूल सरकार के विस चुनाव से पहले शरणार्थी परिवारों को भूमि का अधिकार दिए जाने पर उठाया सवाल

राजू बिष्ट ने कहा कोरोना को लेकर बंगाल सरकार की तरफ से गठित विशेषज्ञ पैनल अप्रैल महीने से ही निष्क्रिय। तृणमूल बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर नाटक कर रही है। उसे उपेक्षित समुदायों की दुर्दशा की कोई चिंता नहीं है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 08:24 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 08:24 PM (IST)
भाजपा सांसद ने तृणमूल सरकार के विस चुनाव से पहले शरणार्थी परिवारों को भूमि का अधिकार दिए जाने पर उठाया सवाल
तृणमूल सरकार से जानना चाहते हैं कि पिछले नौ साल से क्या वह सो रही थी?

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दार्जिलिंग से भाजपा सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने तृणमूल सरकार के विधानसभा चुनाव से पहले शरणार्थी परिवारों को भूमि का अधिकार दिए जाने पर सवाल उठाया है। बिष्ट ने कहा-'हम तृणमूल सरकार से जानना चाहते हैं कि बंगाल की सत्ता में आने के बाद पिछले नौ साल से भी ज्यादा समय से क्या वह सो रही थी? 2011 से तृणमूल बंगाल की सत्ता में है लेकिन नमशूद्र और मतुआ समुदाय के भाई-बहनों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की उसने कभी चिंता नहीं की जबकि केंद्र की भाजपा सरकार ने पड़ोसी मुस्लिम देशों के ईसाई, बौद्ध, जैन, सिख एवं हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू किया ताकि वे समानता के साथ गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकें। जब सीएए को लागू किया गया, तब तृणमूल कांग्रेस ने ही इसका विरोध किया था।' 

loksabha election banner

उपेक्षित समुदायों की दुर्दशा की कोई चिंता नहीं

बिष्ट ने आगे कहा-'तृणमूल बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर नाटक कर रही है। उसे उपेक्षित समुदायों की दुर्दशा की कोई चिंता नहीं है। मैं पूछना चाहता हूं कि ममता सरकार बंगाल के चाय कर्मियों के लिए परजा पट्टा अधिकारों से क्यों इन्कार कर रही है?' 

गठित विशेषज्ञ पैनल अप्रैल से ही निष्क्रिय हैं

बिष्ट ने कहा-'कोरोना को लेकर बंगाल सरकार की तरफ से गठित विशेषज्ञ पैनल अप्रैल महीने से ही निष्क्रिय हैं। यह इस बात का एक और बड़ा उदाहरण है कि तृणमूल सरकार राज्य के लोगों की जिंदगी से किस तरह से खिलवाड़ कर रही है। 

विशेषज्ञ पैनल का गठन महज प्रचार के लिए 

विशेषज्ञ पैनल का गठन महज प्रचार के लिए किया गया था।' बिष्ट ने आशंका जताई कि कोरोना के संक्रमित मामले और मौत का जो आंकड़ा बंगाल सरकार दिखा रही है, वास्तव में वह उससे कहीं अधिक है। 

कोरोना योद्धाओं को सुरक्षा दिलाने में विफल

तृणमूल सरकार अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं को सुरक्षा प्रदान करने में भी विफल रही है। ममता बनर्जी को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.