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भाजपा नेता ने फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन को भेजा कानूनी नोटिस, बीएसएफ पर ‘विवादित टिप्पणी’ के लिए माफी की मांग

प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता ने अपर्णा से बीएसएफ के खिलाफ उनके द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगने के लिए कहा है। ये नोटिस केंद्रीय अर्धसैनिक बल के कर्मियों को कथित रूप से ‘बलात्कारी’ और ‘हत्यारे’ कहने के लिए भेजा गया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 01:23 PM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 01:23 PM (IST)
भाजपा नेता ने फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन को भेजा कानूनी नोटिस, बीएसएफ पर ‘विवादित टिप्पणी’ के लिए माफी की मांग
भाजपा नेता ने फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन को भेजा कानूनी नोटिस

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के मुद्दे पर बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी भाजपा आमने-सामने है। इस मामले में तृणमूल नेताओं द्वारा बीएसएफ के खिलाफ ‘विवादित टिप्पणियां’ सामने आने के बाद मचे घमासान के बीच अब भाजपा नेता अनिर्बान गांगुली ने बल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मशहूर बंगाली अभिनेत्री व फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन को कानूनी नोटिस भेजा है। इसमें प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता ने अपर्णा से बीएसएफ के खिलाफ उनके द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगने के लिए कहा है। ये नोटिस केंद्रीय अर्धसैनिक बल के कर्मियों को कथित रूप से ‘बलात्कारी’ और ‘हत्यारे’ कहने के लिए भेजा गया है।

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दरअसल आरोप है कि पद्मश्री पुरस्कार विजेता अपर्णा सेन ने बीते सोमवार को कोलकाता के प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में बीएसएफ पर टिप्पणी की थी। अपर्णा सेन ने यह भी कहा था कि सेना को जितनी शक्ति मिलनी चाहिए उससे अधिक दी जा रही है। उन्होंने बंगाल सरकार से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बारे में सोचने का भी आग्रह किया था ताकि वे अपनी पसंद के अनुसार व्यापार और खेती कर सकें।

बता दें कि इससे पहले बंगाल विधानसभा में मंगलवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक उदयन गुहा ने दावा किया था कि सीमावर्ती क्षेत्र में तलाशी की आड़ में बीएसएफ के जवान महिलाओं को गलत तरीके से छूते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वे (बीएसएफ) भारत माता की जय कितना भी बोल लें, वे देशभक्त नहीं हो सकते। उनके इस बयान के बाद बवाल मच गया था। भाजपा विधायकों ने इसका कड़ा विरोध किया था और इस टिप्पणी को अस्वीकार्य बताया था। वहीं, बीएसएफ ने भी तृणमूल विधायक के दावे को खारिज करते हुए इसे निराधार और दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।

बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल में बंगाल, असम व पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का फैसला किया है। इस फैसले का बंगाल में काफी विरोध हो रहा है। राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के कदम का पुरजोर विरोध कर रही है। बंगाल विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया गया है। 


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