Bengal Chunav 2021: भाजपा नेता ने कहा-बंगाल में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते, तृणमूल की स्वाभाविक मौत चाहते हैं
Bengal Assembly Elections विधानसभा चुनाव से पहले ही बंगाल में राजनीतिक बयानबाजी गर्म और तल्ख होती जा रही है। भाजपा के नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी नहीं चाहती है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए क्योंकि वे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की स्वाभाविक मौत चाहते हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। अगले साल चुनाव को देखते हुए राज्य में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच राजनीतिक उठापटक और दलबदलने का दौर जारी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी नहीं चाहती है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, क्योंकि वे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की स्वाभाविक मौत चाहते हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले ही बंगाल में राजनीतिक बयानबाजी गर्म और तल्ख होती जा रही है। भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल के बीत जुबानी और इंटरनेट मीडिया पर जंग चल रही है। इस बीच शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि हम बंगाल में अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) नहीं चाहते हैं। यह ममता बनर्जी और उनकी पार्टी है, जो अनुच्छेद 356 को आमंत्रित कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि तृणमूल की स्वाभाविक मृत्यु हो।
बताते चलें कि कुछ दिन पहले भाजपा सांसद व युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खां ने एक और बयान देकर सियासत को गर्म कर दिया था। खां ने कहा था कि तृणमूल के 62 विधायक व तीन-चार सांसद भाजपा के संपर्क में हैं। उन्होंने दावा किया था कि 15 दिसंबर तक ममता सरकार गिर जाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि हम लोग नहीं बल्कि उनके विधायक ही ऐसे हालात पैदा कर देंगे कि ममता सरकार गिर जाएगी।
एक तरफ उत्तर बंगाल के भाजपा सांसद निशिथ प्रमाणिक जिन्होंने तीन दिन पहले तृणमूल विधायक मिहिर गोस्वामी को पार्टी में शामिल कराया है उन्होंने कहा कि कई विधायक जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे। वहीं, इससे पहले भाजपा सांसद सौमित्र खां ने दावा किया है कि ऐसी स्थिति आने वाली है कि राज्यपाल मुख्यमंत्री से कहेंगे कि विधानसभा में बहुमत साबित करें।
शुभेंदु के इस्तीफे से तृणमूल की बढ़ गई है परेशानी
दरअसल, ममता सरकार में मंत्री शुभेंदु अधिकारी के इस्तीफे के बाद से ये कयास लगाये जा रहे हैं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो तृणमूल के लिए यह बड़ा झटका होगा। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में राज्य के 2019 के लोकसभा चुनावों में 18 संसदीय सीटें जीतकर गहरी बढ़त बनाई। 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले कई तृणमूल नेता भी भाजपा में शामिल हुए हैं।
2016 में, तृणमूल कांग्रेस ने 294 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कुल 211 सीटें हासिल की थीं, जबकि भाजपा केवल तीन सीटें हासिल की थीं।