भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा- गोवा की राजनीति में दर्शक बनी हुई है टीएमसी, बंगाल के बाहर तृणमूल का कोई अस्तित्व नहीं
भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि बंगाल के बाहर टीएमसी का कोई अस्तित्व नहीं है और गोवा में उसे अपनी औकात का पता चल जाएगा। अभिषेक के गोवा दौरे पर कहा- कोई भी व्यक्ति भ्रमण के लिए वहां जा सकता है
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने पश्चिम के राज्य गोवा में हो रहे विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रही बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर शुक्रवार को निशाना साधते हुए कहा कि टीएमसी गोवा की राजनीति में दर्शक बनी हुई है। घोष ने एक बार फिर दोहराया कि बंगाल के बाहर टीएमसी का कोई अस्तित्व नहीं है और गोवा में उसे अपनी औकात का पता चल जाएगा।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी के गोवा दौरे को लेकर भी तंज कसते हुए भाजपा नेता ने कहा कि गोवा जाने का सीजन चल रहा है। कोई भी व्यक्ति भ्रमण (पर्यटन) के लिए गोवा जा सकता है। वैसे भी टीएमसी गोवा में दर्शक की भूमिका निभा रही है।शुक्रवार सुबह दिल्ली रवाना होने से पहले यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए घोष ने गोवा में टीएमसी की राजनीति को लेकर यह भी कहा कि टीएमसी की त्रिपुरा से उम्मीदें टूट गईं, इसलिए गोवा में वह उम्मीद लगाए बैठी हुई है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सपने देखने में कोई बुराई नहीं है। बता दें कि गोवा में सभी 40 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस चुनाव लड़ रही है और कई महीने पहले से पार्टी वहां पूरी ताकत झोंकी हुई है।तृणमूल ने वहां कई क्षेत्रीय दलों के साथ भी गठबंधन किया है।
वहीं, तृणमूल के भीतर आंतरिक कलह पर घोष ने कहा कि टीएमसी में कौन नेता है और कौन नेत्री, यह समझ में नहीं आता है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर वह ज्यादा कुछ कहना नहीं चाहते हैं। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बीच चल रहे वाकयुद्ध को लेकर उन्होंने साफ कहा कि टीएमसी के उच्च स्तर के नेता एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं।
'झांकी को लेकर भेदभाव जैसी कोई बात नहीं'
वहीं, केंद्र सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल की झांकी को खारिज किए जाने को लेकर मचे घमासान पर घोष ने कहा कि इसमें भेदभाव होने जैसी कोई बात नहीं है। हर साल टैब्लो के चयन पर नीति निर्धारण होता है, इसमें कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा- सभी जानते हैं कि केंद्र सरकार की ओर से विशेषज्ञ कमेटी तैयार की गई है जिसमें 60-70 टैब्लो में 23 टैब्लो का चयन हुआ है। 29 राज्यों ने जो टैब्लो भेजा है उसमें 12 का चयन हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी विरोधी राज्य के साथ भेदभाव होने जैसी कोई बात नहीं है। दरअसल बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल की झांकी को शामिल नहीं करने को लेकर लगातार विरोध कर रही हैं और वह इस पर पुनर्विचार के लिए पीएम को पत्र भी लिख चुकीं हैं। वहीं, दिल्ली जाने को लेकर घोष ने कहा कि प्रिविलेज कमेटी की बैठक है, जिसमें हिस्सा लेने वे जा रहे हैं।