West Bengal assembly Election : 'दीदी' की तर्ज पर भाजपा का 'दिलीप दा के बोलो' अभियान शुरू
अभियान के तहत एक वेबसाइट शुरू की गई है जिसके जरिए वे लोग सीधे तौर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष से शिकायत कर सकते हैं जिन्हें क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिली है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। तृणमूल सरकार के 'दीदी के बोलो' अभियान की तर्ज पर प्रदेश भाजपा ने सुपर साइक्लोन 'एम्फन' से प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिए 'दिलीप दा के बोलो' अभियान शुरू किया है। इसके तहत एक वेबसाइट शुरू की गई है, जिसके जरिए वे लोग सीधे तौर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष से शिकायत कर सकते हैं, जिन्हें क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिली है।
वेबसाइट को 'आमा देर दिलीप दा डॉट इन' नाम दिया गया है। शिकायतकर्ता को वेबसाइट में जाकर अपना नाम, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का नंबर दर्ज कराना होगा। दिलीप घोष मिलने वाली शिकायतों पर गौर करके उन्हें केंद्र और राज्य सरकार के समक्ष रखेंगे। प्रदेश भाजपा की तरफ से एम्फन पीड़ितों की अलग से एक सूची भी तैयार की जा रही है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष पेश किया जाएगा।गौरतलब है कि सुपर साइक्लोन के डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी बहुत से प्रभावितों को क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिली है। प्रदेश भाजपा ने इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बंगाल सरकार ने इलाज के लिए नए नियम सुझाए
बंगाल में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार ने सभी कोविड-19 अस्पतालों को रोगी को पारंपरिक वेंटिलेटर मशीन पर पर रखने से पहले जब और जैसे संभव हो ''प्रोन अवेक वेंटिलेशन'' (पेट के बल सीधा लिटाकर ऑक्सीजन में सुधार) का विकल्प चुनने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि ऐसा करने से कोरोना वायरस से बढ़ते मामलों के दौरान वेंटिलेटर मशीन के इस्तेमाल को कम किया जा सकता है। विभाग की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है कि ‘प्रोन अवेक वेंटिलेशन’ को ‘प्रोन पोजिशनिंग वेंटिलेशन’ भी कहा जाता है। इस तरकीब का इस्तेमाल आमतौर पर आईसीयू में सांस लेने में गंभीर समस्या का सामना कर रहे रोगियों के लिए किया जाता है।
इसका इस्तेमाल कोविड-19 रोगियों पर भी किया जाना चाहिए। अधिकारी ने कहा कि अगर यह काम नहीं करता है कि तो मरीज को पारंपरिक वेंटिलेटर पर रखा जाना चाहिए। अधिकारी ने कहा, ''राज्य में हर दिन बढ़ते कोविड-19 मामलों के मद्देनजर हमारे पास हर समय मरीजों के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर तैयार होने चाहिए। लेकिन राज्य में फिलहाल उपलब्ध वेंटिलेटर पर्याप्त नहीं हैं।'' स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बंगाल में उसके कोविड-19 अस्पतालों में फिलहाल 395 वेंटिलेटर और आईसीयू में 948 बिस्तर हैं। विभाग ने यह भी कहा कि ''संबंधित मामलों में उचित सलाह के लिए सुपर-स्पेशलिटी टीम उपलब्ध होनी चाहिए।''