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‘बंगाल में चुनाव बाद विपक्ष की भूमिका निभाने में भाजपा विफल ’. बंसल ने नई दिल्ली में पेश की BJP की नकारात्मक रिपोर्ट

बंसल ने नई दिल्ली में बंगाल भाजपा के बारे में पेश की नकारात्मक रिपोर्ट। चुनाव बाद राज्य में कुछ हद तक वामपंथी विपक्ष की कमी की भरपाई करते रहे। 1970 के दशक में वामपंथियों का कांग्रेस विरोधी आंदोलन और बाद में ममता वाममोर्चा के खिलाफ आंदोलन कर सत्ता में आईं।

By JagranEdited By: Vijay KumarPublished: Thu, 29 Sep 2022 08:26 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 08:48 PM (IST)
‘बंगाल में चुनाव बाद विपक्ष की भूमिका निभाने में भाजपा विफल ’. बंसल ने नई दिल्ली में पेश की BJP की नकारात्मक रिपोर्ट
संगठन को बरकरार नहीं रखा जा सकता है। इसके लिए उचित योजना की आवश्यकता है।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा व्यावहारिक रूप से डेढ़ साल तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। विपक्ष अपनी भूमिका निभाने में विफल रहा है। उस मौके का फायदा उठाकर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने अपना जनसमर्थन बढ़ाया। सूत्रों के मुताबिक बंगाल के नए पर्यवेक्षक सुनील बंसल ने नई दिल्ली में भाजपा के महासचिवों और राज्य के पर्यवेक्षकों की बैठक में बंगाल भाजपा के बारे में ऐसी नकारात्मक रिपोर्ट दी है।

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चुनाव बाद राज्य में कुछ हद तक वामपंथी विपक्ष की कमी की भरपाई करते रहे हैं

मालूम हो कि बंसल को बंगाल की कमान संभाले एक महीना हो चुका है। इस दौरान वह दो बार प्रदेश नेतृत्व से भी मिले हैं। उन्होंने अलग से बात भी की है। इतना ही नहीं बंसल ने अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय नेतृत्व की निगरानी में खामी का भी उल्लेख है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगाल के लोगों का दिल जीतने के लिए आंदोलन का कोई वैकल्पिक तरीका नहीं है। चुनाव बाद राज्य में कुछ हद तक वामपंथी विपक्ष की कमी की भरपाई करते रहे हैं।

नए पर्यवेक्षक ने महासचिवों के समक्ष आजादी के बाद बंगाल का इतिहास याद किया

अपनी रिपोर्ट में बंसल ने कहा है कि बंगाल का संगठनात्मक अनुभव बहुत सुखद नहीं है। उन्होंने बैठक में कहा कि प्रदेश नेतृत्व की कथनी और करनी में अंतर है। सूत्रों के अनुसार राज्य के नए पर्यवेक्षक ने महासचिवों के समक्ष आजादी के बाद के बंगाल के इतिहास को याद करते हुए कहा कि राज्य में बिना आंदोलन के सत्ता में आने का कोई इतिहास नहीं है।

कांग्रेस विरोधी आंदोलन और बाद में ममता वाममोर्चा के खिलाफ आंदोलन कर सत्ता में आई

1970 के दशक में वामपंथियों का कांग्रेस विरोधी आंदोलन और बाद में ममता बनर्जी वाममोर्चा के खिलाफ आंदोलन कर सत्ता में आईं। लेकिन विधानसभा में हार का एक कारण यह भी है कि बंगाल में भाजपा का वह इतिहास नहीं है। केंद्र सरकार और अखिल भारतीय संगठन पर भरोसा करके सत्ता में आने का प्रयास किया गया।

संगठन संगठित करने में समय, पंचायत चुनाव में भी भाजपा बंगाल में बहुत मजबूत स्थिति में नहीं

यदि बूथ तक नहीं पहुंचा जा सकता है, तो संगठन को बरकरार नहीं रखा जा सकता है। इसके लिए उचित योजना की आवश्यकता है। इस कमजोरी को कैसे दूर किया जाए, इस पर चर्चा की जरूरत है। बंसल ने कहा कि संगठन को संगठित करने में समय लगेगा। साथ ही पंचायत चुनाव में भी भाजपा बंगाल में बहुत मजबूत स्थिति में नहीं है।


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