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भाजपा सरकार बीएसएफ का राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करना चाहती : टीएमसी

टीएमसी के खिलाफ बीएसएफ को खड़ा करने की कोशिश में बीजेपी कुणाल घोष। बीजेपी का पलटवार टीएमसी नेताओं में सेना के लिए सम्मान नहीं। एडीजी के अनुसार पुलिस के कामकाज या कानून व्यवस्था में नहीं होगी कोई दखलंदाजी। हस्तक्षेप की आशंका निराधार बीएसएफ की शक्तियां सीमित।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 10:04 PM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 10:04 PM (IST)
भाजपा सरकार बीएसएफ का राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करना चाहती : टीएमसी
बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए सभी राज्य एजेंसियों के साथ समन्वय करता है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाए जाने के बाद बंगाल सरकार व यहां की सत्ताधारी पार्टी की आशंकाओं को निराधार बताते हुए बल के पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) वाई बी खुरानिया ने बुधवार को कहा इससे राज्य या पुलिस के अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। वहीं, बीएसएफ एडीजी के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी सीमा सुरक्षा बल के लिए सर्वोच्च सम्मान रखती है, हालांकि उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर उन्हें राजनीति के लिए मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

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टीएमसी के खिलाफ बीएसएफ को खड़ा करने की कोशिश में बीजेपी

उन्होंने कहा कि यह भाजपा है जो बंगाल में अपनी हार के बाद टीएमसी के खिलाफ बीएसएफ को खड़ा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीएसएफ और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके बंगाल में पिछले दरवाजे से प्रवेश करने की कोशिश कर ररी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा अपने राजनीतिक खेल में बीएसएफ और अन्य एजेंसियों को मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रही है।

बीजेपी का पलटवार, टीएमसी नेताओं में सेना के लिए सम्मान नहीं

वहीं, उनके इस आरोपों पर बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि टीएमसी सुरक्षा बलों का सम्मान नहीं करती है। भाजपा नेता ने कहा, टीएमसी नेताओं में हमारी सेना के लिए कोई सम्मान नहीं है। वे केवल अपना वोट बैंक सुरक्षित करना जानते हैं। हम बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कल (गुरुवार को) बीएसएफ कार्यालय जाएंगे।

पुलिस के कामकाज या कानून व्यवस्था में नहीं होगी कोई दखलंदाजी

बता दें कि केंद्र द्वारा हाल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक करने के फैसले का बंगाल सरकार व यहां की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। इन सबके बीच बीएसएफ ने बुधवार को इस आशंका को खारिज किया कि इससे राज्य की पुलिस के कामकाज या कानून व्यवस्था के मामले में कोई दखलंदाजी होगी।

हस्तक्षेप की आशंका निराधार, बीएसएफ की शक्तियां सीमित : एडीजी

बीएसएफ के एडीजी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बल के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के बारे में जारी भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि हस्तक्षेप की आशंका निराधार है। बीएसएफ को दी गई शक्तियां बहुत सीमित हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए सभी राज्य एजेंसियों के साथ समन्वय करता है।


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