Bengal Politics: ममता दीदी का प्रभाव बेअसर करने की रणनीति पर BJP का ‘एक मुट्ठी चावल’ अभियान
Bengal Politics ममता ने पहले दुआरे सरकार और अब हर मुहल्ले में समस्या का निदान अभियान शुरू किया है। देखना है कि किसके अभियान में कितनी धार है? भाजपा नेता एवं कार्यकर्ता 48 हजार गांवों में किसानों के घर-घर जाकर एक-एक मुट्ठी चावल एकत्र करेंगे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा अब एक नया अभियान लेकर एक बार फिर बंगाल के दौरे पर हैं। यह अभियान ‘एक मुट्ठी चावल’ नाम से शुरू किया जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष किसान के घर जाकर सिर्फ भोजन ही नहीं करेंगे, बल्कि अन्नदाता से एक मुट्ठी चावल भी मांगेंगे। इसके बाद भाजपा नेता एवं कार्यकर्ता 48 हजार गांवों में किसानों के घर-घर जाकर एक-एक मुट्ठी चावल एकत्र करेंगे और उन्हें नए कृषि कानूनों के बारे में बताएंगे।
दरअसल जिस तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसान आंदोलन के समर्थन में खड़ी हैं उसका बंगाल चुनाव में प्रभाव बेअसर करने की रणनीति पर भाजपा काम कर ही है। पहले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लेकर घेरा तो ममता को पीछे हटना पड़ा और अब वह योजना को बंगाल में लागू करने को तैयार हो गई हैं। ऐसे में किसानों को पार्टी से जोड़े रखने के लिए भाजपा का यह नया अभियान शुरू होने जा रहा है।
नड्डा इस अभियान को सूबे के पूर्व बर्धमान जिले के कटवा क्षेत्र से शुरू करने जा रहे हैं जिसे बंगाल में चावल का कटोरा का जाता है। क्योंकि इस क्षेत्र में धान की खेती जबरदस्त होती है। नड्डा कटवा के गांव में पांच किसान परिवारों से एक मुट्ठी चावल की भिक्षा मांगेंगे। अक्सर ही देखा जाता है कि भाजपा कुछ अलग अभियान शुरू करती है। वैसे तो बंगाल में और नहीं अन्याय, गृह संपर्क अभियान चलाया जा रहा है जिसमें केंद्रीय मंत्री से लेकर विभिन्न राज्यों के कद्दावर नेता एवं मंत्री जुटे हुए हैं।
आखिर एक मुट्ठी चावल अभियान क्यों शुरू किया जा रहा है? इस पर भाजपा नेताओं का तर्क है कि अन्नदाताओं के साथ सीधा संबंध स्थापित कर उनकी समस्या जानने और उन्हें नए कानून के बारे में बताना है। यही नहीं तृणमूल से लेकर कांग्रेसी और वामपंथी नेता हमला कर रहे हैं कि भाजपा अहंकारी और किसान विरोधी है। उस हमले का भाजपा का कहीं न कहीं इस अभियान के जरिये जवाब देने की रणनीति है। यही नहीं इस अभियान के दौरान जो भी अनाज इकट्ठा होगा, उससे किसानों और गरीबों के लिए सामुदायिक रसोई में भोजन तैयार किया जाएगा। पार्टी ने पूरे राज्य में 25-30 जनवरी के बीच सामुदायिक रसोई चलाने की योजना बनाई है, जहां गरीब लोगों को भोजन कराया जाएगा। ऐसा नहीं है कि भाजपा ही नया-नया अभियान शुरू कर रही है। इसमें तृणमूल भी पीछे नहीं है।