बंगाल सरकार से नहीं मिली भाजपा को रथयात्रा की अनुमति
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने का हवाला देकर भाजपा को रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने का हवाला देकर भाजपा को रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी। वहीं, राजनीतिक सभा करने के लिए कुछ शर्तें के साथ अनुमति देने की बात कही है, लेकिन इसके लिए भी भाजपा को नए सिरे से आवेदन करना होगा।
शनिवार को छुट्टी के दिन मुख्य सचिव मलय डे, गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य और डीजीपी रवींद्र ने राज्य सचिवालय में कई दौर की बैठक की। सूत्रों के मुताबिक बैठक में भाजपा की प्रस्तावित रथयात्रा पर गहन मंत्रणा हुई। बैठक में 25 दिसंबर को केंद्र कर महानगर में मनाए जाने वाले बड़ा दिन का उत्सव व गंगासागर मेला पर सुरक्षा व्यवस्था का भी मुद्दा उठा। बैठक के बाद सरकार ने रथयात्रा पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए प्रदेश भाजपा नेतृत्व को पत्र भेज दिया। प्रदेश भाजपा के महासचिव प्रताप बनर्जी ने फैक्स के मार्फत सरकार का पत्र मिलने की पुष्टि की।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने कई कारणों का उल्लेख करते हुए रथयात्रा की अनुमति देने से इन्कार किया है। बनर्जी ने कहा कि सरकार बेवजह रथयात्रा के नाम पर सांप्रदायिक तनाव फैलने की बात प्रचारित कर रही है। यह भाजपा की गणतंत्र बचाओ यात्रा है जो पूर्ण रूप से राजनीतिक कार्यक्रम है। आरएसएस, बजरंग दल अलग संगठन हैं। गणतंत्र बचाओ यात्रा कोई धर्मिक कार्यक्रम नहीं है लेकिन रथयात्रा के नाम पर गलत प्रचार कर इसकी अनुमति देने से सरकार मुकर गई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि भाजपा अपने निर्धारित सूची के तहत गणतंत्र बचाओ यात्रा निकालेगी। भाजपा का यह राजनीतिक कार्यक्रम है। यह कोई धार्मिक कार्यक्रम नहीं है। तिथि में फेरबदल हो सकता है, लेकिन पूर्व निर्धारित सूची के तहत ही गणतंत्र बचाओ यात्रा निकाली जाएगी।
भाजपा कें केंद्रीय नेता निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उसमें भाग लेंगे। उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देशानुसार रथयात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर राज्य सरकार के आला अधिकारियों ने गुरुवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय में भाजपा प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। बैठक में सरकार की ओर से भाजपा को 15 दिसंबर तक इस पर अपना निर्णय बताने को कहा गया था। हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार को भाजपा प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर 15 दिसंबर तक निर्णय बताने का निर्देश दिया था।