मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के दायरे से बाहर रखने पर भाजपा ने बोला हमला
पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को लोकायुक्त संशोधन विधेयक पारित हो गया। इस विधेयक में किए गए बदलावों के मुताबिक मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के दायरे बाहर कर दिया गया है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को लोकायुक्त संशोधन विधेयक पारित हो गया। इस विधेयक में किए गए बदलावों के मुताबिक मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के दायरे बाहर कर दिया गया है। लोकायुक्त भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में मुख्यमंत्री से पूछताछ नहीं कर सकेंगे।
यही नहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय को भी लोकायुक्त के दायरे से बाहर रखा गया है। इसपर भाजपा ने शुक्रवार को हमला बोला है। भाजपा नेत्री व सांसद रूपा गांगुली ने कहा-'ममता के भतीजे और उनके भाइयों के घर देखिए। आप देखेंगे कि उनके पास कितना धन है। आप यह नहीं कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री इससे अनजान थीं। उन्होंने बंगाल में भ्रष्टाचार को अनुमति दी। उनकी हवाई चप्पल वाली नेत्री की छवि महज दिखावा है।'
विधानसभा में बहस के दौरान ममता बनर्जी ने कहा था-'मैं केवल जनता के प्रति जवाबदेय हूं, किसी नेता के प्रति नहीं। लोकतंत्र में बहस हो सकती है लेकिन गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। जहां तक मेरी विश्वसनीयता की बात है तो केवल जनता मुझसे पूछताछ कर सकती है, और कोई नहीं। मैंने अपना परिचय पत्र जनता के पास गिरवी रख दिया है।'
ममता ने आगे कहा था-'राज्य सरकार ने यह बदलाव केंद्र के कानून के मुताबिक किया है। मेरी सरकार जानती है कि संतुलन कैसे बैठाया जाता है लेकिन हम किसी की नकल नहीं करते हैं। हम एक बहुमत प्राप्त सरकार हैं और संशोधन कर सकते हैं। यदि भविष्य में किसी पार्टी को राज्य में बहुमत मिलता है तो वह अपनी इच्छा के मुताबिक बदलाव कर सकती है।' ममता ने इसी बहाने मोदी सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने अभी तक लोकायुक्त कानून को लागू नहीं किया है। अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति भी नहीं की है।