नौसेना के लिए निर्मित बड़ा सर्वेक्षण पोत ‘संध्यक’ लांच, जाने क्या है इसकी खासियत
Survey Ship Sandhyak launched रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट की मौजूदगी में 3400 टन वजन के इस जहाज का जलावतरण किया गया। रक्षा राज्य मंत्री भट्ट ने जीआरएसइ के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस सर्वेक्षण पोत से समुद्री सुरक्षा की निगरानी में काफी मदद मिलेगी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोलकाता में स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रमुख पीएसयू गार्डनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसइ) ने भारतीय नौसेना के लिए निर्मित पहले बड़े सर्वेक्षण पोत ‘संध्यक’को रविवार को यहां लांच किया। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट की उपस्थिति में उनकी पत्नी पुष्पा भट्ट के हाथों हुगली नदी के किनारे स्थित जीआरएसइ यार्ड में 3,400 टन वजन के इस सर्वेक्षण जहाज का जलावतरण किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि रक्षा राज्य मंत्री भट्ट ने जीआरएसइ के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस सर्वेक्षण पोत के नौसेना में शामिल होने के बाद समुद्री सुरक्षा की निगरानी में काफी मदद मिलेगी। साथ ही नौसेना की ताकत बढ़ाने वाला यह जहाज रक्षा तैयारियों को और मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित यह जहाज मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि अब बड़े पैमाने पर भारतीय विनिर्माण इकाइयों में ही रक्षा सामग्रियों का उत्पादन किया जा रहा है और विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भारतीय शिपयार्ड और अधिक ऊंचाइयों को छुएगा और युद्धपोत निर्माण में विश्व नेता बनने के अपने दृष्टिकोण को साकार करेगा।
अगले साल नौसेना को सौंपा जाएगा यह सर्वेक्षण जहाज
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जलावरण के बाद यह अत्याधुनिक सर्वेक्षण जहाज समुद्र में गहन परीक्षण से गुजरेगा और उसके बाद इसे अक्टूबर 2022 तक नौसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है। अधिकारी ने बताया कि 2018 में रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए जीआरएसइ से चार सर्वेक्षण जहाज बनाने का करार किया था। संध्यक इस क्लास का पहला सर्वेक्षण जहाज है। इस जहाज को हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्र संबंधी और भूभौतिकीय डेटा एकत्र करने और विश्लेषण करने के लिए उन्नत स्वदेशी डेटा अधिग्रहण प्रणाली सहित नई पीढ़ी के हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से लैस किया जाएगा।
जहाज की खासियत
- इन जहाज की लंबाई 110 मीटर और वजन क्षमता करीब 3408 टन है जबकि इसकी रफ्तार 18 समुद्री मील प्रति घंटा होगी।
- यह सर्वेक्षण जहाज अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होंगे और समुद्र संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी नौसेना को मुहैया कराएगा।
- यह पूरी तरह स्वदेशी है और मेक इन इंडिया के तहत इसका निर्माण किया गया है।