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बड़ी सफलता: बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा पर दुर्लभ प्रजाति के 20 काकटेल तोता समेत 80 हरे तोते को तस्करी से बचाया

बीएसएफ की चौकसी से सीमा पर तस्करों के मंसूबे लगातार हो रहे विफल उत्तर 24 परगना के सीमावर्ती क्षेत्र से बांग्लादेश में तस्करी की हो रही थी कोशिश बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में वन्यजीव पक्षियों की तस्करी के खिलाफ अभियान में बड़ी सफलता हासिल की है।

By Priti JhaEdited By: Published: Wed, 02 Feb 2022 01:01 PM (IST)Updated: Wed, 02 Feb 2022 01:01 PM (IST)
बड़ी सफलता: बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा पर दुर्लभ प्रजाति के 20 काकटेल तोता समेत 80 हरे तोते को तस्करी से बचाया
बीएसएफ द्वारा तस्करी से बचाए गए दुर्लभ प्रजाति के तोते। सौजन्य :: बीएसएफ

कोलकाता, राजीव कुमार झा। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सतर्क जवानों ने बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में वन्यजीव पक्षियों की तस्करी के खिलाफ अभियान में बड़ी सफलता हासिल की है। जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले के तराली सीमा चौकी क्षेत्र में तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए 100 वन्य पक्षियों (तोते) को तस्करी से बचाया है। इनमें दुर्लभ प्रजाति के 20 काकटेल तोते और 80 हरे तोते शामिल हैं।

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बीएसएफ की ओर से एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इन तोतों को तस्कर उत्तर 24 परगना के सीमावर्ती क्षेत्र से तस्करी के उद्देश्य से भारत से बांग्लादेश ले जाने की कोशिश कर रहे थे। यह घटना सोमवार शाम की है, जब इन दुर्लभ पक्षियों को बचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि 31 जनवरी को एक विशेष सूचना मिलने पर 112वीं वाहिनी की सीमा चौकी तराली के सभी जवानों को सतर्क कर दिया गया। शाम लगभग 6:30 बजे संदिग्ध जगह पर एंबुश लगाया गया।

इस दौरान जवानों ने कुछ संदिध व्यक्तियों को देखा जो कि अपने सिर पर पिंजरे उठाकर बांग्लादेश की ओर बढ़ रहे थे। जवानों ने उन्हें चुनौती दी और पकड़ने के लिए पीछा किया, परंतु तस्कर घने अंधेरे और जंगल का फायदा उठाकर पिंजरों को छोड़कर भागने में सफल रहे। तलाशी के दौरान मौके से छह पिंजरे बरामद हुए जिनमें 80 हरे तोते और 20 काकटेल तोते मिले।

ज्यादातर आस्ट्रेलिया में मिलता है काकटेल तोता

बताते चलें कि काकटेल तोता परिवार के सबसे छोटे पक्षियों में से एक है और यह काफी प्यारा और बुद्धिमान होता है। यह ज्यादातर आस्ट्रेलिया में पाया जाता है। यह तोता इंसानों की आवाज की भी नकल करता है। इसकी आयु 20 साल तक होती है और यह काफी महंगे दामों पर बिकता है। बीएसएफ ने तस्करी से बचाए गए तोतों को कस्टम कार्यालय तेंतुलिया के हवाले कर दिया है।

दो दुर्लभ प्रजाति के काला गिद्ध को भी तस्करी से बचाया

वहीं, एक अन्य घटना में बीएसएफ जवानों ने नदिया जिले के सीमावर्ती इलाके में तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के दो काला गिद्ध को तस्करों के चंगुल से आजाद कराया।इसकी बांग्लादेश से भारत में तस्करी की कोशिश की जा रही थी। अधिकारियों ने बताया कि एक फरवरी, मंगलवार की सुबह करीब 5:50 बजे 82वीं वाहिनी की सीमा चौकी ब्रह्मनगर के जवानों ने बांग्लादेश की ओर से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे तस्करों को रोकने के किए ललकारा तो तस्कर वापस भाग निकले। मौके से दो थैलों में दो काला गिद्ध बरामद किया गया।बीएसएफ ने इसे वन विभाग, कृष्णानगर को सौंप दिया है।

पक्षियों की तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही बीएसएफ : डीआइजी

इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल सीमा पर होने वाली दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों की तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने 112वीं और 82वीं वाहिनी के जवानों की उपलब्धियों पर खुशी जाहिर की।उन्होंने कहा कि सीमा पर कड़ी चौकसी की वजह से तस्करों के हौसले पस्त हैं और उनके मंसूबे लगातार विफल हो रहे हैं।बीएसएफ डीआइजी ने साफ शब्दों में कहा कि हम किसी भी सूरत में अपने इलाके से तस्करी नहीं होने देंगे। 


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