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भवानीपुर उपचुनाव : चुनाव नतीजे के बाद हिंसा की आशंका को देखते हुए राज्य प्रशासन इस बार पहले से सतर्क

Bengal Chunav Hinsa कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश जिंदल बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ व कोलकाता पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा को पत्र लिखा है। इन सबके बीच राज्य प्रशासन पहले से सतर्क है और पूर्व में हिंसा को देखते हुए सभी एहतियात बरत रहा है।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 10:55 AM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 10:56 AM (IST)
भवानीपुर उपचुनाव : चुनाव नतीजे के बाद हिंसा की आशंका को देखते हुए राज्य प्रशासन इस बार पहले से सतर्क
भवानीपुर उपचुनाव : चुनाव नतीजे के बाद हिंसा की आशंका को देखते हुए राज्य प्रशासन इस बार पहले से सतर्क

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई भारी हिंसा को देखते हुए इस बार राज्य प्रशासन भवानीपुर सीट पर उपचुनाव के नतीजे के मद्देनजर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पहले से सतर्क है। अब से कुछ घंटे के अंदर ही चुनाव परिणाम सामने आ जाएंगे। दरअसल, भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे की घोषणा के बाद भी हिंसा की आशंका व्यक्त की जा रही है, इसको देखते हुए राज्य प्रशासन इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। इसीलिए कोलकाता के पुलिस आयुक्त समेत राज्य के सभी जिलों से पुलिस अधीक्षकों व थाने को पहले ही सतर्क किया गया है।

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राज्य सचिवालय नवान्न से वरिष्ठ अधिकारी भी हालात पर नजर रख रहे हैं। नवान्न सूत्रों ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि इससे पहले भवानीपुर विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं भाजपा प्रत्याशी प्रियंका टिपबडे़वाल ने चुनावी नतीजे की घोषणा के बाद हिंसा की आशंका को देखते हुए अग्रिम व्यवस्था करने का अनुरोध करते हुए शनिवार शाम को ही कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश जिंदल, बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ व कोलकाता पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा को पत्र लिखा है। इन सबके बीच राज्य प्रशासन पहले से सतर्क है और पूर्व में हिंसा को देखते हुए सभी एहतियात बरत रहा है।

बता दें कि इससे पहले विधानसभा चुनाव के बाद हुई भारी हिंसा की वजह से ममता सरकार की पूरे देशभर में काफी आलोचना हुई थी। बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट ने हिंसा के दौरान हत्या व दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआइ को सौंप दिया था। साथ ही अन्य मामलों की जांच के लिए हाई कोर्ट ने एसआइटी भी गठित करने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट के निर्देश पर गंभीर मामलों की सीबीआइ जांच कर रही है। हाल के दिनों में सीबीआइ हिंसा के सिलसिले में कई आरोपितों को गिरफ्तार भी कर चुकी है। गौरतलब है कि भाजपा का दावा है कि चुनाव बाद हुई हिंसा में उसके कम से कम 52 कार्यकर्ताओं व समर्थकों की हत्या कर दी गई। हिंसा का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं पर है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस हिंसा के आरोपों को खारिज करती रही है। 


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