कोरोना से सावधान रहने और पटाखे नहीं फोड़ने का घर-घर जाकर संदेश बिखेर रहीं 'जीवंत काली'
अभिनव पहल कृष्ण बैरागी नामक कलाकार मां काली के रूप में फैला रहे हैं जागरुकता उनके हाथों में नरमुंड की जगह कोरोनासुर का कटा हुआ सिर कोलकाता में स्वयं मां काली कोरोना से सावधान रहने और इस बार दिवाली में पटाखे नहीं फोड़ने का संदेश बिखेर रही हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। मां काली की नगरी के रूप में देश-दुनिया में विख्यात कोलकाता में स्वयं मां काली कोरोना से सावधान रहने और इस बार दिवाली में पटाखे नहीं फोड़ने का संदेश बिखेर रही हैं। कोलकाता के बागुईआटी इलाके में इन दिनों 'जीवंत काली' को देखा जा सकता है, जो घर-घर जाकर लोगों को जागरुक कर रही हैं।
बागुईआटी नारायणतला पूर्व नतून कॉलोनी युवक संघ की ओर से कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाने को यह अभिनव पहल की गई है। कृष्ण बैरागी नामक कलाकार मां काली का रूप धरकर घूम रहे हैं। उनके हाथों में नरमुंड की जगह कोरोनासुर का कटा हुआ सिर है। वे घर-घर जाकर लोगों को कोरोना से सावधान रहने और पटाखे नहीं फोड़ने का संदेश दे रहे हैं। उनके हाथ में एक प्लेकार्ड भी है, जिसमें लिखा है-'स्टॉप फायरवर्क्स।'
पूजा कमेटी के संयुक्त सचिव मनोजीत मंडल ने कहा-'बंगाल के लोगों की मां काली के प्रति अपार श्रद्धा है। मां काली जब स्वयं लोगों के घर जाएंगी और उनसे कोरोना से सावधान रहने और पटाखे नहीं फोड़ने की बात कहेंगी तो लोग उसे जरूर मानेंगे।
इसी को ध्यान में रखकर हमने यह अभिनव पहल की, जिसकी अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।' मां काली सबसे कह रही हैं- प्रतिज्ञा कीजिए, इस साल हम दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़ेंगे। प्रकाश के इस पर्व को मोमबत्ती अथवा प्रदीप जलाकर मनाएंगे।
महिलाओं ने पूजा पंडाल के सामने पटाखे जमाकर पानी डालकर किया नष्ट
दूसरी तरफ कोलकाता की महिलाएं भी इस साल पटाखे नहीं फोड़ने को लेकर जागरूकता दिखा रही हैं। ठाकुरपुकुर एसबी पार्क काली पूजा कमेटी की सदस्याओं ने पूजा पंडाल के सामने पटाखे जमाकर उनपर पानी डालकर नष्ट कर दिया। ये पटाखे मोहल्ले के बच्चों ने जमा करके रखे थे। महिलाओं ने बच्चों को समझा-बुझाकर उनसे पटाखे ले लिए और नष्ट कर दिया।
इन महिलाओं ने कहा कि उत्सव के उत्साह में कोरोना जैसी विकराल महामारी को नजरंदाज करना अनुचित है। इसके बेहद गंभीर परिणाम हो सकते हैं। सभी को पटाखे नहीं फोड़ने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। यह सबके हित में है और सबकी सामाजिक जिम्मेदारी भी है।