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Bengal Chunav: बांग्ला अभिनेता व भाजपा के रूद्रनील घोष ने कहा- बंगाल तो दूर, ममता को अब उनके मोहल्ले के लोग भी नहीं चाहते

यह वही सीट है जहां से ममता ने पिछला दो विधानसभा चुनाव लड़ा और भारी वोटों से जीता था। रूद्रनील जानते हैं कि उनके सामने कठिन लड़ाई है लेकिन उन्हें अपनी जीत का पूरा भरोसा है।जहां से ममता ने पिछला दो विधानसभा चुनाव लड़ा और भारी वोटों से जीता था।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 04:04 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 04:06 PM (IST)
Bengal Chunav: बांग्ला अभिनेता व भाजपा के रूद्रनील घोष ने कहा- बंगाल तो दूर, ममता को अब उनके मोहल्ले के लोग भी नहीं चाहते
बांग्ला फिल्मों के मशहूर अभिनेता रूद्रनील घोष

बांग्ला फिल्मों के मशहूर अभिनेता रूद्रनील घोष भाजपा के टिकट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उनके वरिष्ठ मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय को चुनौती दे रहे हैं। यह वही सीट है, जहां से ममता ने पिछला दो विधानसभा चुनाव लड़ा और भारी वोटों से जीता था। रूद्रनील जानते हैं कि उनके सामने कठिन लड़ाई है लेकिन उन्हें अपनी जीत का पूरा भरोसा है। 

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रूद्रनील से वरिष्ठ संवाददाता विशाल श्रेष्ठ ने खास बातचीत की।

पेश है उसके प्रमुख अंश : 

प्रश्न : अभिनय से चुनाव के मैदान तक के अपने सफर को कैसे देखते हैं?

उत्तर : बंगाल विधानसभा चुनाव में इस बार बहुत से लोग कला क्षेत्र से हैं। उनमें से बहुतों ने अभी-अभी राजनीति में कदम रखा है लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है। मैं छात्र जीवन से राजनीति करता आया हूं। लोगों के संग रहकर काम करना मेरे लिए नया नहीं है। हां, भवानीपुर से चुनाव लडऩा मेरे लिए काफी मायने रखता है, जिसने ममता बनर्जी को बंगाल की मुख्यमंत्री बनाया।

प्रश्न : ममता के गढ़ में उनके मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय से लड़ाई कितनी कठिन मुश्किल है?

उत्तर : हरेक चुनाव कठिन होता है लेकिन यह लड़ाई मुझसे ज्यादा भवानीपुर के लोगों की लड़ाई है। सूबे में हर जगह ममता की तस्वीर वाले बैनर-होर्डिंग्स लगाए गए हैं, जिनमें लिखा है कि बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है जबकि सच्चाई यह है कि ममता को अब उनके मोहल्ले के लोग भी नहीं चाहते। 2019 के लोकसभा चुनाव में विकास कार्य नहीं होने पर ममता को उनके मोहल्ले के लोगों ने ही वोट नहीं दिया था। वह अपने वार्ड में ही पिछड़ गई थीं। कोई भी प्रत्याशी अपना गढ़ छोड़कर कहीं और से चुनाव क्यों लड़ेगा? हार के डर से ममता अपना गढ़ छोड़कर नंदीग्राम भाग गईं। बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने बिजली के दाम घटाने के लिए कुछ नहीं किया। वे रासबिहारी सीट से चुनाव लड़ते थे लेकिन इस बार हारने के लिए उन्हें भवानीपुर भेज दिया गया।

प्रश्न : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद आपके समर्थन में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार किया? इससे आपके हौसले कितने बुलंद हैं?

उत्तर : अमित शाह जी विश्वास की बुनियाद तैयार करते हैं। उनके जैसे दिग्गज नेता, जो हजारों संघर्ष कर चुके हैं, जब हमारे साथ चलते हैं तो हौसला कई गुना बढ़ जाता है।

प्रश्न : ममता हरेक चुनावी सभा में कह रही हैं कि बंगाल को गुजरात नहीं बनने देंगी। आप जिस विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी हैं, वहां बड़ी तादाद में गुजराती रहते हैं। इसपर क्या कहेंगे?

उत्तर : यहां रह रहे गैर-बंगालियों का इतना बड़ा अपमान पहले किसी ने नहीं किया। भवानीपुर में 40 फीसद बंगाली और 60 फीसद गैर-बंगाली हैं। गैर-बंगाली यहां तब से रह रहे हैं, जब बंगाल बना था। बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब समेत विभिन्न राज्यों से यहां आकर रह रहे लोगों के वोट से ममता मुख्यमंत्री बनी थीं। अब जब वे उनकी गुंडागर्दी से खफा हैं तो ममता उन्हें 'बाहरीÓ कह रही हैं। वे बंगाल में रहने वाले गुजरातियों को धमका रही हैं।

प्रश्न : टॉलीवुड पर तृणमूल के हस्तक्षेप के आरोप लगते आए हैं? क्या कहेंगे?

उत्तर : ममता ने टॉलीवुड का पूरा राजनीतिकरण कर दिया है। राज्य के मंत्री अरूप विश्वास और उनके भाई स्वरूप विश्वास की टॉलीवुड में तानाशाही चलती है। तृणमूल के लोगों को रुपये दिए बिना यहां फिल्म की शूटिंग नहीं हो सकती। शूटिंग में कितने और किन लोगों को लेना है, ये तृणमूल के लोग तय करते हैं। उनकी बातें नहीं मानने पर वे शूटिंग बंद करवा देते हैं। पिछले चार-पांच वर्षो में कई बार शूटिंग बंद हो चुकी है, जिससे टॉलीवुड को काफी नुकसान हुआ है।

प्रश्न : भड़काऊ भाषणों का ट्रेंड चल रहा है। इसपर आपकी प्रतिक्रिया?

उत्तर : इसे बंद करना जरूरी है। अफसोस की बात यह है कि मुख्यमंत्री इस मामले में सबसे आगे हैं। केंद्रीय बलों को घेरने वाला उनका बयान सबसे खतरनाक था, जिससे शीतलकूची में भयावह घटना हो गई।

प्रश्न : हरेक चरण के साथ चुनावी हिंसा बढ़ती जा रही है। ज्यादातर संघर्ष तृणमूल-भाजपा में हो रहे हैं। क्या कहेंगे?

उत्तर : हम हिंसा की राजनीति में यकीन नहीं करते। तृणमूल हिंसा को बढ़ावा दे रही है। चुनाव प्रचार के दौरान मुझपर भी हमला हो चुका है। 


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