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ऑस्ट्रेलिया में देश का नाम ऊंचा करने का बंगाली युवक का अदम्य संघर्ष रंग लाया, बांग्ला में शुरू हुई आधिकारिक वेबसाइट

उपलब्धि -ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न के विक्टोरिया स्टेट में कोलकाता के बंगाली युवक अर्णब घोष रॉय के अदम्य संघर्ष से वहां के स्वास्थ्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट बांग्ला में शुरू हुई है। इससे विदेश में बांग्ला भाषा के साथ देश का भी नाम ऊंचा हुआ है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 08:16 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 08:16 PM (IST)
ऑस्ट्रेलिया में देश का नाम ऊंचा करने का बंगाली युवक का अदम्य संघर्ष रंग लाया, बांग्ला में शुरू हुई आधिकारिक वेबसाइट
अर्णब कोलकाता में एक मध्यम-वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

इंद्रजीत सिंह, कोलकाता : ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न के विक्टोरिया स्टेट में कोलकाता के बंगाली युवक अर्णब घोष रॉय के अदम्य संघर्ष से वहां के स्वास्थ्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट बांग्ला में शुरू हुई है। इससे विदेश में बांग्ला भाषा के साथ देश का भी नाम ऊंचा हुआ है। 38 वर्षीय अर्णब घोष रॉय का कहना है कि उनका अगला संघर्ष विक्टोरिया में दूसरी भाषा के रूप में बांग्ला को शामिल कराने के लिए होगा। 

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कई सरकारी सुविधाएं प्राप्त करना आसान हो सकता है

दरअसल मेलबोर्न के विक्टोरिया में बांग्ला भाषियों  की तादाद ज्यादा है। इनकी आबादी 55 हजार के आसपास है। लंबे समय तक ऑस्ट्रेलिया में रहने के बाद उन्होंने महसूस किया कि बंगाली बुजुर्ग भाषाई कारणों से विभिन्न कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। यदि भाषा की बाधा को हटा दिया जाए, तो विभिन्न सरकारी सुविधाएं प्राप्त करना आसान हो सकता है। 

आधिकारिक वेबसाइट को बांग्ला में शुरू कराने की ठानी 

-इसी बीच विक्टोरिया स्टेट में कोरोना का संक्रमण भी तेजी से फैला था। इसके बाद ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक वेबसाइट को बांग्ला में भी शुरू कराने के लिए ठान ली। अर्णब ने सबसे पहले इस मामले में स्थानीय सांसद से चर्चा की। इसके बाद उन्होंने मेलबोर्न विश्वविद्यालय और विक्टोरिया विश्वविद्यालय में इस मुद्दे को चर्चा के लिए उठाया। वहां से प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा गया।

हजारों सूचनाएं, चेतावनी व सलाह बांग्ला में लिखी गई हैं

ऑस्ट्रेलिया में सरकार की नीति को आकार देने में विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका है। इसके बाद दो दिन पहले ही बांग्ला वेबसाइट को सरकार की मुहर लग गई। अब वेबसाइट पर कोरोना के बारे में हजारों सूचनाएं, चेतावनी, सलाह आदि बांग्ला में लिखी गई है। 

कोलकाता के मध्यम-वर्गीय परिवार से रखते हैं ताल्लुक

अर्णब कोलकाता में एक मध्यम-वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिताजी राज्य सरकार के कर्मचारी थे। परिवार के वित्तीय संकट के बावजूद अध्ययन करने के लिए 2003 में वह ऑस्ट्रेलिया चले गए। दो साल बाद उन्होंने फेडरल यूनिवर्सिटी से वाणिज्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। 2007 में वह इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक अकाउंटेंट्स के एसोसिएट सदस्य बने।

अगला संघर्ष विक्टोरिया में दूसरी भाषा बनाने पर होगा

2009 में उन्हें वहां की नागरिकता का अधिकार मिला। 2014 में विक्टोरिया विश्वविद्यालय से एमबीए किया। फिलहाल वह सॉलीसीटर जनरल बनने के उद्देश्य से विक्टोरिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं। अर्णब घोष रॉय का कहना है कि उनका अगला संघर्ष विक्टोरिया में दूसरी भाषा के रूप में बांग्ला को शामिल कराने के लिए होगा।


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