बजट में चाय श्रमिकों पर ममता की बारिश
- चाय बागानों में काम करने वाले सभी स्थाई श्रमिकों को घर देगी सरकार - चाय सुंदरी नामक
- चाय बागानों में काम करने वाले सभी स्थाई श्रमिकों को घर देगी सरकार
- चाय सुंदरी नामक योजना के लिए बजट में 500 करोड़ रुपये आवंटित
जागरण संवाददाता, कोलकाता : बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को पेश अपने आखिरी पूर्णकालिक बजट में ममता सरकार ने उत्तर बंगाल के खस्ताहाल चाय उद्योग व इससे जुड़े श्रमिकों को भी साधने की कोशिश की। वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बजट पेश करते हुए चाय श्रमिकों के लिए बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि 'चाय सुंदरी' योजना के तहत राज्य सरकार स्थाई तौर पर चाय बागानों में काम करने वाले उन श्रमिकों के लिए घर बनवाएगी जिनके पास अपने घर नहीं हैं। इस योजना के लिए बजट में उन्होंने 500 करोड़ रुपये आवंटित किया। मित्रा ने कहा कि इस योजना से राज्य के 370 चाय बागानों के लगभग तीन लाख श्रमिकों को लाभ होगा।
इसके अलावा उन्होंने बजट में अगले दो वित्तीय वर्षो 2020-21 और 2021-22 के लिए चाय बागानों का कृषि आयकर माफ करने का प्रस्ताव रखा। उल्लेखनीय है कि उत्तर बंगाल में स्थित सैकड़ों चाय बागानों के लाखों श्रमिक व उनके परिवार बेहद खस्ताहाल में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इससे पहले राज्य सरकार ने इन श्रमिकों को मुफ्त में अनाज देने की घोषणा की थी। उल्लेखनीय है कि अगले साल बंगाल में विधानसभा चुनाव हैं। इससे पहले उत्तर बंगाल में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कवायद के तौर पर भी चाय श्रमिकों को अपनी ओर जोड़ने की यह कोशिश हो सकती है। क्योंकि पिछले साल लोकसभा चुनाव में पहाड़ पर भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था। तृणमूल को वहां एक भी लोकसभा सीट पर जीत नहीं मिली थी।