Bengal Radio Club ने 30 साल पहले लापता मां को ऐसे मिलाया बेटों से
Bengal Radio Club बिहार के बरौनी रेलवे स्टेशन से 30 साल पहले लापता हो गई थीं रुक्मिणी देवी बंगाल रेडियो क्लब के सदस्य ने गंगासागर में एक साइक्लोन सेंटर में देखा।
इंद्रजीत सिंह, कोलकाता। Bengal Radio Club : वह क्षण दिवास्वप्न की तरह ही था, जब बेटों को उनकी बिछड़ी मां 30 साल बाद मिल गई। खुशी से मां और उसके बेटों की आंखें छलक गईं। बिहार के बरौनी स्टेशन से 30 साल पहले लापता होने वाली रुक्मिणी देवी बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सागरदीप में मिलीं। रुक्मिणी देवी को उनके बेटों से मिलाने में में बंगाल रेडियो क्लब के सदस्यों की भूमिका अहम रही।
बिहार के सारन जिले की रुक्मिणी देवी 30 साल पहले कोलकाता में काम करने वाले अपने पति रामनाथ राय से मिलने के लिए अपने बच्चों के साथ निकली थीं। वह अपने बड़े बेटे मिथिलेश, मझले बेटे दिनेश तथा छोटे बेटे दीपक को लेकर बरौनी स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रही थीं। हालांकि तब उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। तभी उन्होंने अपने 14 वर्षीय बेटे मिथिलेश के पास छोटे बेटों दिनेश व दीपक को देकर कहा कि वह थोड़ी देर में आ रही हैं। उसके बाद वह नहीं लौटीं। गांव के कुछ लोगों ने प्लेटफार्म पर उन बच्चों को पहचान लिया तथा उन्हें घर पहुंचा दिया। लेकिन उसके बाद रुक्मिणी देवी का कोई पता नहीं चला।
साइक्लोन सेंटर के बरामदे में मिलीं
रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने बताया कि वर्षों से गंगासागर मेले में देशभर के श्रद्धालु आते हैं और उनमें से कई बिछड़ कर या किसी कारणवश यहीं रह जाते हैं। इस साल पहली बार दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी पी उलगानाथन की पहल पर रेडियो क्लब के सदस्यों ने बिछड़े लोगों को परिवार से मिलाने के लिए सागर मेले के विभिन्न इलाकों में तलाशी अभियान चलाया। उसी दौरान गंगासागर में एक साइक्लोन सेंटर के मिली 60 वर्षीया महिला को देखकर बंगाल रेडियो क्लब के संचालक सदस्य दिबस मंडल की उत्सुकता जगी। वृद्धा से सवाल करने पर वह अपने नाम के अलावा कुछ भी नहीं बता पाईं। मंडल ने हार नहीं मानी और रेडियो क्लब के सदस्यों ने रुक्मिणी देवी के घर का पता लगाने के लिए ठान ली। बाद में किसी तरहरुक्मिणी देवी की बातों से उनके घर का पता चला और गहराई से जांच करने पर पता चला कि 30 साल पहले बरौनी स्टेशन से एक महिला लापता हो गई थी।
ऐसे मिलाया बेटों से
इसके बाद रेडियो क्लब के सदस्य गंगासागर से रुक्मिणी देवी को सामने रखकर बाजितपुर के लोगों के पास वीडियो कॉल किया। रुक्मिणी देवी को उनके बेटे मिथिलेश तथा अन्य परिजन व गांव वासियों ने देखा, लेकिन कोई पहचान नहीं पाए। इसी बीच छोटे बेटे दीपक का नाम सुनकर रुक्मिणी देवी की आंखें भर आई। इसके बाद रेडियो क्लब के सदस्य रुक्मिणी देवी की फोटो लेकर सारण पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात मिथिलेश के लड़के अमित यानी रुक्मिणी देवी के पोते से हुई।
वह उन्हें अपने घर ले गया लेकिन वहां कोई भी फोटो देखकर रुक्मिणी देवी को पहचान नहीं पाया। क्योंकि रुक्मिणी देवी जब लापता हुई थीं तब उनके तीनों बेटे काफी छोटे थे। रुक्मिणी देवी के पति रामनाथ राय का 10 साल पहले निधन हो गया है। इसके बाद रुक्मिणी देवी की फोटो को लेकर परिजनों के साथ-साथ गांव के बड़े-बुजुर्गों को दिखाया गया। इस दौरान ज्यादातर लोग रुक्मिणी देवी को पहचान गए। इसके बाद ही रुक्मिणी देवी को घर लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इसके बाद रुक्मिणी देवी के बड़े बेटे मिथिलेश अपने छोटे भाई दीपक व अपने चाचा के साथ गंगासागर पहुंचे।