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जानिए- आखिर क्यों तृणमूल के मंत्री, सांसद, विधायक और पार्षद छोड़ रहे ममता दीदी का साथ?

कई और विधायक एवं मंत्री क्यों नाराज बताए जा रहे हैं? ऐसे कई सवाल हैं जो लोगों के मन में उठ रहे हैं। जो हालात हैं उससे ऐसा लग रहा है कि विधानसभा चुनाव की घोषणा और प्रत्याशियों की सूची जारी होने तक स्थिति बदतर हो सकती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 11:16 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 11:38 AM (IST)
जानिए- आखिर क्यों तृणमूल के मंत्री, सांसद, विधायक और पार्षद छोड़ रहे ममता दीदी का साथ?
ऐसी हालत में आने वाले समय में तृणमूल में और उथल-पुथल मच सकती है।

कोलकाता, जेएनएन। बंगाल में विधानसभा चुनाव की अभी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस के भीतर उथल-पुथल मची है उसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। नए वर्ष के पहले ही सप्ताह में तृणमूल कांग्रेस को दो बड़े झटके लग चुके हैं। पहले पार्टी के स्थापना दिवस एक जनवरी को पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांथी नगर पालिका के प्रशासक समेत 15 पूर्व पार्षद भाजपा में शामिल हो गए और अब मंगलवार को लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंत्री के साथ-साथ पार्टी के भी सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

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हालांकि वह विधायक के रूप में काम करते रहेंगे। दूसरी ओर मुख्यमंत्री एवं तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने उनका त्याग पत्र स्वीकार करते हुए दावा किया कि वह राजनीति छोड़कर फिर से खेल जगत में लौटना चाहते हैं, परंतु इस इस्तीफे की सच्चाई क्या है यह तो आने वाले कुछ दिनों में ही सामने आ जाएगा।

सवाल है कि पार्षद, विधायक, सांसद और मंत्री तृणमूल कांग्रेस क्यों छोड़ रहे हैं? इसकी वजह क्या है? वैसे तो इस नाराजगी की कई वजहें हैं, लेकिन इनमें से सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है तृणमूल संगठन के अंदर ममता के सांसद भतीजे एवं युवा कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की दखलंदाजी। यही नहीं तृणमूल में सांगठनिक स्तर पर अक्सर ही आपसी गुटबाजी तथा विवाद खुलकर सतह पर आते रहे हैं। यह भी एक बड़ी वजह है।

जैसा कि लक्ष्मी रतन शुक्ला के इस्तीफे के बाद हावड़ा की ही एक और तृणमूल विधायक वैशाली डालमिया ने कहा है कि अच्छे लोगों को काम नहीं करने दिया जा रहा है। उनका अपमान किया जा रहा है। ऐसे में यही सवाल उठ रहा है कि जब चुनाव जीतने के लिए एकजुटता जरूरी है तो फिर ऐसा क्यों? इससे पहले भी तृणमूल के कई नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ा है। इस्तीफा देने वालों में ममता बनर्जी की सरकार में कद्दावर मंत्री रहे सुवेंदु अधिकारी शामिल हैं। वन मंत्री राजीव बनर्जी समेत कई और विधायक एवं सांसद हैं जो पार्टी से नाराज चल रहे हैं। ऐसी हालत में आने वाले समय में तृणमूल में और उथल-पुथल मच सकती है।


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